छत्तीसगढ़ का सम्मान एक बार फिर से देश में बढ़ा है. ये अवसर दिलाया है गरियाबंद की गौरवशाली बेटी फामेश्वरी यादव ने, दरअसल, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” तो सुना था, लेकिन गरियाबंद की फामेश्वरी यादव ने इसे नया रूप देकर दिखा दिया. “बेटी को आगे बढ़ाओ, सेना में भेजो!” छत्तीसगढ़ की इस जांबाज बेटी ने भारतीय सेना में अग्निवीर महिला पुलिस के रूप में पहला कदम रखकर राज्य का इतिहास रच दिया.
वहीं, 24 मार्च 2025 को घोषित हुए अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस भर्ती के नतीजों में फामेश्वरी का नाम छत्तीसगढ़ के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. वह इस राज्य से सेना में अग्निवीर बनने वाली पहली महिला बन गई हैं. देश सेवा की लौ दिल में जलाए इस बेटी ने बता दिया कि लड़कियां किसी से कम नहीं, जब बात वर्दी की शान बढ़ाने की हो.
सेना भर्ती कार्यालय ने किया सम्मानित
रायपुर सेना भर्ती कार्यालय के अधिकारियों ने फामेश्वरी यादव को विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया.अब वह 1 मई 2025 से बेंगलुरु स्थित सेना मिलिट्री पुलिस सेंटर में ट्रेनिंग शुरू करेंगी. वहां, से लौटने के बाद उनकी ड्यूटी भारतीय सेना में पूरी तरह तय हो जाएगी.
गरियाबंद की लड़कियों के लिए मिसाल
फामेश्वरी की इस सफलता ने गरियाबंद ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ की बेटियों को प्रेरित कर दिया है. यह एक संकेत है कि अब छत्तीसगढ़ की बेटियां केवल चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं, बल्कि सीमा पर भी तैनात होने के लिए तैयार हैं.