गरियाबंद: 44 महीने गैरहाजिर पंचायत सचिव को 14 लाख वेतन, कलेक्टर ने जांच का आदेश

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक पंचायत सचिव को 44 महीने तक एब्सेंट रहने के बाद भी करीब 14 लाख रुपए वेतन भुगतान कर दिया गया। मंगलवार को जिला पंचायत सचिव संजय नेताम ने मामले की शिकायत कलेक्टर भगवान सिंह उइके से की है। जिसे उन्होंने जांच के निर्देश दिए हैं।

मामला जाड़ापदर पंचायत का है। जानकारी के मुताबिक, सचिव का नाम समारू राम ध्रुव है। जो कि जाड़ापदर पंचायत में पदस्थ है। संजय नेताम ने बताया कि 2019 में शोभा पंचायत में निर्माण कार्य में गड़बड़ी के आरोप में उसे निलंबित किया गया था। 2021 में बहाली के बाद उसे तेतलखूंटी पंचायत में पदस्थ किया गया। लेकिन उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया।

अगस्त 2025 तक चली इस अनुपस्थिति के दौरान जनपद पंचायत ने कई बार नोटिस भेजे। जिला पंचायत को भी इसकी जानकारी दी गई। लेकिन, सचिव ने किसी नोटिस का जवाब नहीं दिया। नियमों के अनुसार पंचायत सचिव को अर्जित अवकाश का प्रावधान नहीं है। फिर भी ‘नो वर्क नो पे’ के नियम की अवहेलना करते हुए उन्हें वेतन भुगतान कर दिया गया।

संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

संजय ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब सचिव से संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड जनपद पंचायत में उपलब्ध था, तब जनपद के अधीनस्थ एक कर्मचारी को लाभान्वित करने से पहले न तो जनपद से अभिमत लिया गया और न ही उसे इसकी कोई सूचना देना आवश्यक समझा गया।

उन्होंने इस प्रक्रिया को नियमों की स्पष्ट अनदेखी और प्रशासनिक व्यवस्था का उल्लंघन बताया। संजय ने मांग की है कि इस गंभीर गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा इसमें संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

10 से ज्यादा निलंबित सचिव को नहीं मिला है गुजारा भत्ता

संजय ने बताया कि मैनपुर जनपद क्षेत्र में 10 से ज्यादा निलंबित सचिव हैं। जिन्हें निलंबन की अवधि में दिए जाने वाले गुजारा भत्ता का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। क्योंकि ये सचिव सेटिंग नहीं कर पाए।उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व जिला पंचायत सीईओ के कार्यकाल के दौरान एक कर्मी ने नियमों को दरकिनार करते हुए स्वयं को पंचायत उप संचालक घोषित कर लिया और अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए सचिव को लाखों रुपए का नियम विरुद्ध भुगतान किया।

कलेक्टर बोले जांच कराएंगे

मामले में चर्चा के लिए जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर को कॉल किया गया,उन्होंने रिसीव नहीं किया। मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले की शिकायत पत्र लेने के बाद कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने विधिवत जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है।

Advertisements
Advertisement