मध्य प्रदेश : इंदौर बायपास पर टेंकर से गैस का रिसाव होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन का अमला सक्रिय हुआ. टैंकर में भरी अमोनिया गैस पर रोकने या इस गैस को अन्य किसी टैंकर में रिफिल करवाना संभव नहीं था. इस वजह से यह निर्णय लिया गया है कि गैस का टेंकर से रिसाव होने दिया जाए. तहसीलदार नारायाण नांदेड़ा के मुताबिक टेंकर में करीब पांच हजार लीटर अमोनिया गैस थी. इसमें 70 फीसद अमोनिया गैस व 30 फीसद पानी था.
फायर ब्रिगेड की मदद ली गई
गैस का रिसाव रोकने के लिए फायर ब्रिगेड के विशेषज्ञों की मदद ली गई और पीथमपुर के इंडस्ट्रियल हेल्थ एंड सेफ्टी के एडिशनल डायरेक्टर भी मौके पर पहुंचे. अमोनिया गैस ज्वलनशील नहीं होती है. इस वजह से टैंकर से रिसाव हो रहे गैस पर फायर वाहन के टैंकर से पानी की बौछार शुरू की गई और टैंकर से गैस को रिसने दिया गया। इस दौरान वहां की व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी व अन्य लोगों के आंखों में जलन की सांस में गैस की दुर्गंध मुश्किल हो रही थी.
ऐसे में कुछ लोगों ने मास्क लगाया और कुछ ने रुमाल गीला कर अपने चेहरे पर बांधा। जहां टैंकर खड़ा था उससे रहवासी क्षेत्र दूर था. सिर्फ सेज यूनिवर्सिटी ही घटनास्थल के समीप थी. रेफ्रिजरेटर व एससी में होता है इस गैस का उपयोगटैंकर में मौजूद अमोनिया गैस का उपयोग रेफ्रिजरेट व एसी व सफाई कार्य में होता है.
टैंकर ड्राइवर और सहायकों की मदद से खोला दूसरा वाल्व
टैंकर से टूटे हुए एक वाल्व से गैस का रिसाव धीरे-धीरे हो रहा था. ऐसे में टैंकर को जल्द खाली करने, इसी तरह का टैंकर चलाने वाले ड्राइवर व कर्मचारियों की मदद ली गई. उनके सहयोग से टैंकर का दूसरा वाल्व खोला गया. इसके बाद 6.30 बजे तक टैंकर खाली हो सका.
पीथमपुर से मैकेनिक बुलाए और वाल्व खुलवा कर पानी के साथ गैस बहाई गई। गैस खत्म होने पर टैंकर को टोचन कर हटाया। यहां तक की पानी पर भी रेती डाली गई. डीसीपी के मुताबिक गैस से तेज दुर्गंध आ रही थी. 500 मीटर तक हवा में असर फैल चुका था.