अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) क्वॉलिफाई इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) या अन्य परमिशिबल मोड के जरिए 16,600 करोड़ रुपये जुटाएगी. कंपनी के बोर्ड ने आज 28 मई को 16,600 करोड़ रुपये के फंड रेजिंग (Adani Enterprises Fund Raising) को मंजूरी दे दी है. हिंडनबर्ग विवाद के बाद यह फंड रेजिंग कंपनी की ग्रोथ के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. अडानी एंटरप्राइजेज ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसके बारे में जानकारी दी है. हालांकि, बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब कंपनी को 24 जून को होने वाली एनुअल जनरल मीटिंग में इसके लिए शेयरहोल्डर्स से भी मंजूरी लेनी होगी. बता दें, अडानी एंटरप्राइजेज ने पिछली बार मई 2023 में 12,500 करोड़ जुटाने के लिए बोर्ड की मंजूरी ली थी, लेकिन फंड नहीं जुटाया था.
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में बीते कुछ महीनों में शानदार तेजी (Adani Enterprises Stock) देखने को मिली है. हिंडनबर्ग विवाद के बाद शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली थी. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के पहले 24 जनवरी 2023 को शेयर 3458 रुपये पर बंद हुआ था. लेकिन अगले दिन रिपोर्ट आने के बाद शेयर में गिरावट शुरू हो गई. 3 फरवरी 2023 को शेयर 1017 रुपये पर आ गया, जो कई महीनों का लो लेवल था. हालांकि बीते हफ्ते शेयर ने एक बार फिर 3458 का लेवल पार किया. यानी हिंडनबर्ग विवाद के पहले के लेवल पर पहुंच गया था. अभी शेयर 3300 रुपये के आस पास है. यानी 3 फरवरी 2023 के लो से इसमें करीब 224 फीसदी तेजी आ चुकी है.
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Profit) का वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में मुनाफा सालाना बेसिस पर 38 फीसदी गिरकर करीब 451 करोड़ रुपये पर आ गया है. कच्चे माल की लागत बढ़ने और एक्सपेंडिचर बढ़ने से कंपनी का मुनाफा घटा है. कंपनी ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 722.48 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में परिचालन लागत बढ़ने के साथ कच्चे माल की लागत में भी उछाल आया है. हालांकि कंपनी का पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में मुनाफा 31 फीसदी बढ़कर 3,240.78 करोड़ रुपये हो गया. मार्च तिमाही में परिचालन आय करीब 1 फीसदी बढ़कर 29,180.02 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल की समान तिमाही में 28,943.84 करोड़ रुपये थी. वहीं पूरे वित्त वर्ष के दौरान परिचालन आय घटकर 96,420.98 करोड़ रुपये रह गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1,27,539.50 करोड़ रुपये थी.
इसके पहले बीते दिन 27 मई को अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने बताया था कि वह QIP या किसी दूसरे माध्यम से 12,500 करोड़ का फंड जुटाएगी. कंपनी के बोर्ड ने इसके लिए मंजूरी कल ही मंजूरी दे दिया था. इस फंड को भी जुटाने के लिए अंतिम मंजूरी एनुअल जनरल मीटिंग में ली जाएगी.