गया: गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को जलाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी. विजयादशमी के अवसर पर हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम देखने पहुंचे थे, लेकिन दहन से कुछ घंटे पहले तेज बारिश होने लगी.
बारिश के कारण तीनों पुतलों को सीधे जलाना संभव नहीं हुआ.आयोजकों ने काफी प्रयास के बाद पुतलों को नीचे गिराकर जलाया। लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद ही पुतलों को पूरी तरह आग में ढालने में सफलता मिली। हालांकि, बारिश के कारण तीनों पुतले आधे अधूरे ही जल पाए थे.कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने उत्साह और भक्ति के साथ रावण दहन का आनंद लिया. बच्चों और युवाओं ने भी पूरे जोश के साथ माता सीता और राम की झांकियों का अवलोकन किया. कार्यक्रम का संचालन स्थानीय आयोजकों और सांस्कृतिक समिति के सदस्यों ने किया.
गया संवाददाता एलन लिली ने बताया कि बारिश के बावजूद आयोजकों ने सभी पुतलों को नीचे गिराकर सफलतापूर्वक दहन किया. इस रावण दहन ने दर्शकों में उत्सव का माहौल पैदा किया और विजयादशमी के पर्व की गरिमा को बनाए रखा. स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम किए थे.यह कार्यक्रम गया के सांस्कृतिक जीवन और स्थानीय परंपराओं का अहम हिस्सा साबित हुआ.