मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. महन यादव ने राज्य के सभी नगरीय निकाय में गीता भवन केन्द्र खोलने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के सद उपदेश का ज्ञान आमजन तक पहुंचेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के गीता भवन में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर योजित व्याख्यानमाला में कही. यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित किया गया था. उन्होंने इस दौरान भगवान श्री कृष्ण के जीवन के अलग-अलग घटनाक्रमों के वृत्तान्त को बड़े ही रोचक तरीके बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्माष्टमी के मौके पर पूरे प्रदेश में भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर व्याख्यान के आयोजन रखे गए हैं. व्याख्यान के जरिए विद्वान हमारे महापुरुषों के जीवन और उनके किये कार्यों को बेहद ही सहज तरीके से पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का पूरा जीवन कर्म की सीख देता है. उन्होंने अनेक लीलाओं के माध्यम से कर्म को प्रधान माना.
सीएम ने बुद्ध और कृष्ण के जीवन पर दिया व्याख्यान
उन्होंने बुद्ध और उनके शिष्य के संवाद को भी रोचक तरीके से सुनाया. भगवान बुद्ध ने कहा था मृत्यु का कारण जन्म है. पृथ्वी पर हर जीव की मृत्यु तय है. भगवान ने अवतारों में जन्म लेकर मनुष्य जीवन में सुख और दुख के बीच अपने कर्म को महत्ता दी. उन्होंने माता देवकी और वासुदेव, बाबा नंद और माता यशोदा के त्याग की चर्चा की. उन्होंने कहा कृष्ण ने लीलाओं के माध्यम से पुरुषार्थ को साकार किया.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान इंदौर स्थित गीता भवन ट्रस्ट को हर संभव सहयोग प्रदान करने की बात कही. उन्होंने कहा इंदौर में हर घर कृष्ण हर घर यशोदा की पहल अनूठी है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का पूजन कर बांसुरी भेंट की. कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भगवान श्री कृष्ण एवं राधा जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया गया.
गीता भवन ट्रस्ट इंदौर मेंसंस्कृति विभाग काआयोजन
इस व्याख्यान आयोजन में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मधु वर्मा, विजय दत्त श्रीधर, प्रभुदयाल मिश्र, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, गौरव रणदिवे, गीता भवन ट्रस्ट इंदौर के अध्यक्ष रामचंद्र एरन, ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी सहित गणमान्यजन, गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी, सदस्य आदि उपस्थित थे.
विजयदत्त श्रीधर ने श्री कृष्ण के भाव, सौंदर्य और प्रेम का समुच्चय विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के भगवान श्री कृष्ण पुरोधा रहे है. उन्होंने भगवत गीता के श्लोकों और उनके अर्थों को बेहतर सहज तरीके से अपने व्याख्यान के माध्यम से प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा यह आयोजन सनातन संस्कृति को जानने, समाज में रचनात्मकता और बेहतर दिशा देने का कार्य करने वाला सिद्ध होगा.
श्री कृष्णा समग्रता की प्रतिमूर्ति विषय पर प्रभु दयाल मिश्रा ने श्रीमद भगवत गीता के 18 हज़ार श्लोकों के अंतिम श्लोक को अपने व्याख्यान में समाहित करते हुए कहा एकाग्र भाव से किया गया कर्म ही सार्थक होता है. कर्म के प्रति नियंत्रण होता है लेकिन फल पर नियंत्रण नहीं होता है. उन्होंने कहा कर्म में आनंद की अनुभूति होना चाहिए, क्योंकि कर्म करने की भूमिका में आनंद होता है.