‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर गठित हाई लेवल कमेटी ने भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने की सिफारिश करने से पहले दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, बेल्जियम सहित सात देशों में चुनावी प्रक्रियाओं का अध्ययन किया. इन देशों में जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी शामिल हैं, जहां एकसमान चुनाव आयोजित किए जाते हैं. गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए विधेयकों को मंजूरी दी. सूत्रों के मुताबिक, इन विधेयकों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल ने मार्च में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी. रिपोर्ट में पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने और इसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनावों को करने की सिफारिश की गई थी. सितंबर में सरकार ने इस समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अन्य देशों के मॉडल का अध्ययन
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने एकसमान चुनावों के मुद्दे पर काम करते हुए अन्य देशों की चुनावी प्रक्रियाओं का तुलनात्मक विश्लेषण किया. इसका उद्देश्य निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को अपनाना था.
दक्षिण अफ्रीका में कैसे होते हैं चुनाव?
दक्षिण अफ्रीका में, राष्ट्रीय विधानसभा और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ होते हैं. हालांकि, नगरपालिका चुनाव अलग से पांच साल के चक्र में आयोजित किए जाते हैं. 29 मई, 2024 को दक्षिण अफ्रीका में नई राष्ट्रीय विधानसभा और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव होंगे.
स्वीडन में होता है ये प्रोसेस
स्वीडन में आनुपातिक चुनाव प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसमें राजनीतिक दलों को उनके वोट प्रतिशत के आधार पर सीटें दी जाती हैं. वहां संसद (रिक्सडैग), काउंटी काउंसिल और म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव एकसाथ होते हैं. ये चुनाव हर चार साल में सितंबर के दूसरे रविवार को आयोजित किए जाते हैं.
जापान-जर्मनी का प्रोसेस
समिति के सदस्य सुभाष सी कश्यप ने जर्मनी के मॉडल की सराहना की. उन्होंने वहां के ‘संविधानात्मक अविश्वास प्रस्ताव’ और चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया को अपनाने का सुझाव दिया. इसी प्रकार जापान में नेशनल डाइट प्रधानमंत्री का चयन करती है, जिसे बाद में सम्राट द्वारा स्वीकार किया जाता है.
इंडोनेशिया में 2019 से हो रहा है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’
इंडोनेशिया में 2019 से एकसमान चुनाव हो रहे हैं. यहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय विधायिका के सदस्यों का चुनाव एक ही दिन होता है. मतदाता गुप्त मतदान करते हैं और उंगलियों पर स्याही लगाई जाती है ताकि दोबारा वोट न डाला जा सके. फरवरी 2024 में, इंडोनेशिया ने सफलतापूर्वक एकसमान चुनाव कराए, जिसमें लगभग 20 करोड़ लोगों ने पांच स्तरों के लिए मतदान किया.
कोविंद पैनल ने अपनी रिपोर्ट में भारत में एकसमान चुनाव लागू करने की प्रक्रिया को व्यवहार्य और प्रभावी बताया है. पैनल का मानना है कि इससे न केवल चुनावी खर्च में कमी आएगी बल्कि प्रशासनिक और राजनीतिक स्थिरता भी सुनिश्चित होगी.