पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के जवाबी रुख को जर्मनी का मजबूत समर्थन मिला है. जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल (Johann Wadephul) ने आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है.
वेडफुल ने कहा कि हम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से स्तब्ध हैं. भारत को निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है. हालांकि ये भी एक फैक्ट है कि अब युद्धविराम लागू हो गया है, जिसकी हम बहुत सराहना करते हैं. उन्होंने सीज़फायर को बनाए रखने और आपसी बातचीत से समाधान निकालने पर जोर दिया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जर्मन के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग पर नियमित बातचीत होती रही है और आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों तीन देशों के यूरोपीय दौरे पर हैं, उन्होंने बर्लिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि भारत का आतंकवाद के प्रति रवैया एकदम स्पष्ट है. भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय माध्यमों से ही बातचीत करेगा. किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या दबाव को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरफ कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
जर्मनी का समर्थन भारत के लिए अहम
जयशंकर ने जर्मनी के समर्थन का स्वागत किया और कहा कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि जर्मनी ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समझा है. हर देश को आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है यह साझेदारी और परस्पर विश्वास का संकेत है.
सीमा पार आतंकी घटना को एक्ट ऑफ वॉर मानेगा भारत
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, इसमें 26 पर्यटकों को धर्म पूछकर मारा गया था, इसके बाद भारत ने पलटवार किया. भारतीय सुरक्षाबलों ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. ये कार्रवाई रात करीब 1:30 बजे की गई और इसका उद्देश्य आतंकियों के लॉन्चपैड्स और हथियारों के भंडार को नेस्तनाबूद करना था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब से किसी भी सीमा पार आतंकवादी घटना को भारत, युद्ध की कार्रवाई मानेगा.