नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की किताबें अब देश के हर कोने में घर बैठे उपलब्ध होंगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की इस पहल से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके तहत उन विद्यार्थियों को मदद मिलेगी, जो किताबों की कमी, नकली किताबों की समस्या, और तय मूल्य से अधिक पर किताबें खरीदने जैसी समस्याओं का सामना करते हैं. अब अन्य सामानों की तरह ही NCERT की किताबें भी ऑनलाइन मंगाई जा सकेंगी.
NCERT की किताबों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर भी उपलब्ध कराने के लिए अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और शिक्षा मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और शिक्षा मंत्रालय के बीच सहयोग स्थापित किया गया है.
होगी 15 करोड़ किताबें प्रकाशित
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि इस साल NCERT करीब 15 करोड़ किताबें प्रकाशित करेगा, जो पहले की तुलना में तीन गुना अधिक हैं. वर्तमान में हर साल लगभग 5 करोड़ किताबें प्रकाशित की जाती हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली शिक्षा के लिए बनाए गए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर NCERT नई किताबें ला रहा है. अब ये किताबें घर बैठे भी मंगाई जा सकेंगी.
देशभर में लगभग 20,000 पिन कोड पर ये किताबें एमआरपी पर उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे अब किताबें खरीदने के लिए दो से तीन गुना अधिक राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
क्या कहना है अधिकारियों का
NCERT के मुख्य व्यापार प्रबंधक अमिताभ ने कहा कि अभी जो किताबें अमेजन से ऑर्डर की जाती हैं, वह MRP से अधिक कीमत पर मिलती हैं. उन्होंने बताया कि 65 रुपए की किताब अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर 200 से 300 रुपए तक मिलती है, लेकिन अब यह किताबें MRP पर ही उपलब्ध होंगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर बाजार में किताबें उपलब्ध नहीं होती हैं, तो लोग आसानी से अमेज़न से ऑर्डर कर सकेंगे.
NCERT 1963 से पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है, और अब तक कुल मिलाकर करीब 220 करोड़ किताबें और जर्नल प्रकाशित कर चुका है. अब हर वर्ष पहले की तुलना में तीन गुना अधिक किताबें प्रकाशित की जाएंगी, ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो.