Ford India Re-Entry: अमेरिकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड की इंडिया एंट्री की खबरें एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. कंपनी दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में निर्यात के लिए अपने प्लांट को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है. हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और फोर्ड के अधिकारियों के बीच एक मुलाकात भी हुई है, जिसने इस चर्चा को और भी हवा दे दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि तकरीबन 3 साल बाद फोर्ड एक बार फिर से इंडियन मार्केट में वापसी कर सकती है.
राज्य सरकार से बातचीत शुरू:
बता दें कि, हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अमेरका दौरे पर थें. जहां उन्होनें फोर्ड के के अधिकारियों से मुलाकात भी की और कंपनी के भारत में प्लांट को फिर से शुरू करने के मुद्दे पर बातचीत भी की. वहीं रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, फोर्ड ने कहा कि कंपनी ने राज्य सरकार को इस मामले में एक पत्र भी लिखा है.
इस मुलाकात के बाद एम. के. स्टालिन ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने एक पोस्ट में जानकारी देते हुए लिखा था कि, “फोर्ड मोटर्स की टीम के साथ बहुत ही रोचक चर्चा हुई! तमिलनाडु के साथ फोर्ड की तीन दशक पुरानी साझेदारी को रिन्यू करने की फेसिबिलिटी पर विचार किया गश्स, ताकि दुनिया के लिए फिर से तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग शुरू किया जा सके!”
अपने इस पोस्ट में स्टालिन ने कुछ तस्वीरें भी शेयर की थी. जिसमें देखा जा सकता है कि एम.के. स्टालिन फोर्ड के एक अधिकारी से हाथ मिला रहे हैं. साझा की गई एक अन्य तस्वीर में मुख्यमंत्री को फोर्ड के अधिकारियों को एक कलाकृति सौंपते हुए दिखाया गया है. बता दें कि अमेरिका की अपनी 17 दिवसीय यात्रा के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अपने राज्य के लिए विदेशी निवेश की पहल कर रहे थें.
क्या कहती है कंपनी:
फोर्ड ने एक बयान में कहा, “इस कदम से इस प्लांट का पुनः उपयोग किया जाएगा, ताकि वैश्विक बाजारों में निर्यात के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.” कंपनी ने कहा कि इस प्लांट में फोर्ड द्वारा बनाई जाने वाली कारों और अन्य डिटेल्स की घोषणा बाद में की जाएगी. बता दें कि, भारत से कारोबार समेटने से पहले फोर्ड तमिलनाडु के चेन्नई शहर में अपने इसी प्लांट में कारों और इंजनों का निर्माण करती थी.
क्या भारत में लॉन्च होंगी फोर्ड की कारें:
फोर्ड और तमिलनाडु सरकार की बातचीत के बाद ये चर्चा तेज हो गई है कि फोर्ड एक बार फिर इंडिया में वापसी कर सकता है. लेकिन यहां पर एक रुकावट भी देखी जा रही है. जैसा कि स्टालिन ने अपने पोस्ट में कहा है कि, “इस बात पर विचार किया जा रहा है कि, फोर्ड दुनिया के लिए फिर से तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर सके.” इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंपनी दूसरे देशों में अपने वाहन को एक्सपोर्ट करने के लिए इस प्लांट में वाहनों का निर्माण करेगी.
वहीं कंपनी ने भी अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि वो भारत में अपने किसी वाहन को लॉन्च करेगी या नहीं. इसके अलावा फोर्ड इस प्लांट में किस वाहन का प्रोडक्शन करेगी इसके बारे में भी भविष्य में ही बताया जाएगा. लेकिन ऑटो इंडस्ट्री में ये सुगबुगाहट लंबे समय से चल रही है कि फोर्ड अपनी Ford Endeavour से फिर से भारत वापसी कर सकता है.
भारत में Ford का सफर:
फोर्ड और भारत का नाता तकरीबन 97 साल पुराना है फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने साल 1926 में कनाडा की फोर्ड मोटर कंपनी की सहायक कंपनी के रूप में उत्पादन शुरू किया था. उस दौर में कंपनी भारत में Model A जैसी कारों को पेश कर रही थी. हालांकि गंभीर आयात प्रतिबंध लागू होने के चलते फोर्ड इंडिया कंपनी को मई 1953 में प्रोडक्शन बंद करना पड़ा. इसके बाद साल 1995 में, फोर्ड ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ 51-49% की में (महिंद्रा फोर्ड इंडिया लिमिटेड) एक ज्वाइंट वेंचर के तौर पर एक बार फिर से भारतीय बाजार में प्रवेश किया.
Ford की भारत में पहली कार:
यही वह समय था जब Ford ने Mahindra के सहयोग से अपनी पहली कार Escort लॉन्च किया था, जिसका प्रोडक्शन साल 2001 तक किया गया. इस सेडान कार को ख़ास तौर पर इंडियन मार्केट के लिए तैयार किया गया था, जिसने अमेरिकी ब्रांड के लिए भारत में मंच तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. ये कार 1.8 लीटर डीजल और 1.6 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आती थी. फोर्ड एस्कॉर्ट ने पावर स्टीयरिंग, पावर्ड फ्रंट विंडो, ओआरवीएम, एयर कंडीशनिंग, म्यूजिक सिस्टम और बहुत कुछ पेश किया जो उस समय लक्जरी थें.
इसके बाद साल 1999 में Ikon, साल 2001 में Mondeo और साल 2003 में Endeavour एसयूवी, साल 2004-5 में Fusion और Fiesta Classic सेडान जैसी कारों को पेश किया और 2010 में कंपनी ने मास मार्केट के लिए अपनी हैचबैक Figo को बाजार में उतारा. साल 2013 में कंपनी ने सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी EcoSport को पेश किया, इस एसयूवी ने भारत में कई कार निर्माताओं को एक नए सेग्मेंट की तरफ देखने को प्रेरित किया जिसका नतीजा आज आपको नेक्सॉन, ब्रेजा, क्रेटा, एक्सयूवी 300 जैसी कई कारों के तौर पर दिखता है.
भारत में फोर्ड की आखिरी कार:
20 जुलाई 2022 को, आखिरी बार फोर्ड ने चेन्नई स्थित शोलिंगनल्लूर में अपने प्लांट में प्रोडक्शन लाइन बंद की थी और अपने आखिरी कार के तौर पर व्हाइट कलर की EcoSport को रोल-आउट किया था. इसके साथ ही फोर्ड की भारत में कारों के उत्पादन की कहानी हमेशा के लिए थम गई थी. भारत में फोर्ड की नाकामयाबी के कई कारण हैं, लेकिन उनमें से एक प्रमुख कारण यह भी था कि,फोर्ड ने भारत में हमेशा से एक प्रीमियम ब्रांड के तौर पर को खुद को स्थापित करने की कोशिश की, मास मार्केट से फोर्ड हमेशा से ही दूर रही. जब कंपनी ने भारत में एंट्री की थी उस वक्त मारुति 800 जैसी कारों का जलवा था, बाजार में किफायती और लो-बजट करों की डिमांड थी.