उत्तर प्रदेश के बहराइच में 31 जुलाई को पुलिस को झाड़ियों से एक सिर कटी लाश मिली थी. सिर न होने के कारण लाश की पहचान नहीं हो पा रही थी. एसपी वृंदा शुक्ला ने इस मामले के खुलासे के लिए प्रशिक्षु पुलिस क्षेत्राधिकारी हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. इसके बाद जांच टीम ने इलाके की गुमशुदा लड़कियों के बारे में जानकारी एकत्रित की. तब उनके सामने रूपईडीहा में 20 वर्षीय शीबा नाम की लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट सामने आई.
जब पुलिस ने उसकी तस्वीर से लाश का मिलान किया तो उसके दाहिने पैर में बंधे काले धागे पर पुलिस की नजर गई. पुलिस ने जिस युवती का शव बरामद किया था, उसके भी दाहिने पैर में काला धागा बंधा था. जिसके बाद पुलिस ने युवती के परिजनों को शिनाख्त के लिए शवगृह बुला लिया और परिजनों ने युवती की पहचान कर ली. फिर पुलिस ने युवती के कटे सिर और उसके कातिल की तलाश शुरू कर दी.
मृतका के मामा मामी ने बताया कि शीबा उनके पास रहकर पढ़ाई कर रही थी. पुलिस ने बताया- उसके मोबाइल से कॉल डिटेल और मैसेज चैट निकलवाई तो पता चला, शीबा का श्रावस्ती के थाना मल्हीपुर निवासी अरुण सैनी से अफेयर था. अरुण भी अपने मामा के यहां रूपईडीहा के बगल वाले गांव में रहता था. दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे. अरुण जब हाई स्कूल में पढ़ाई करता था, तब शीबा कक्षा 8 में पढ़ती थी.
ऐसे शुरू हुआ अफेयर
बाद में अरुण अपने मामा के ही गांव के पास चरदा जमोग चौराहे पर एक मेडिकल स्टोर पर काम करने लगा. यहां शीबा भी उससे मिलने आती थी. बीते एक साल से दोनों के बीच काफी नजदीकियां बढ़ गईं. दिन हो या रात, दोनों एक दूसरे से फोन पर बात करने लगे. कुछ ही समय में दोनों के बीच प्यार हो गया. इसी दौरान आरोपी अरुण की शादी तय हो गई. जिसके बाद वह शीबा से अलग होना चाहता था. लेकिन शीबा इसके लिए तैयार नहीं थी. इसको लेकर दोनों में काफी झगड़ा होने लगा था.
गला दबाया, फिर काट डाला
धर्म अलग-अलग होने के कारण दोनों के परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे. इसे लेकर शीबा के मामा ने अरुण से मारपीट भी की थी. बस इसी बात से अरुण को गुस्सा आ गया था. उसने अपने दोस्त कुलदीप विश्वकर्मा निवासी गंगापुर थाना रूपईडीहा के साथ मिलकर शीबा को संदीप जायसवाल के भठ्ठे पर बुलाया. यहां दोनों उसे बाइक से झाड़ियों के पास ले आए. फिर गला दबाकर शीबा की हत्या कर दी. इसके बाद सिर को काटकर नहर में फेंक दिया. जबकि लाश को वहीं, छोड़ दिया. लेकिन वो कहते हैं न कि हत्यारा अपने आपको चाहे जितना भी शातिर क्यों न समझ ले, पुलिस से कभी नहीं बच सकता.