रायपुर में एक्सप्रेस-वे-2 की सौगात: मोवा से जोरा का सफर अब सिर्फ 10 मिनट में..

रायपुर में पंडरी और मोवा से जोरा, नया रायपुर और एयरपोर्ट जाने का रास्ता आने वाले दिनों में आसान होने वाला है। रोजाना ट्रैफिक में फंसने या सिग्नल पर रुकने की झंझट भी नहीं रहेगी। क्योंकि मोवा से जोरा के बीच 14.7 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे-2 बनने जा रहा है।

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जो सीधे बिना सिग्नल और रुकावट के जोरा तक कनेक्टिविटी देगा। जिससे नया रायपुर और एयरपोर्ट जाने वालों का सफर आसान हो जाएगा। 1295 करोड़ की लागत से बन रहा ये प्रोजेक्ट, करीब 5 लाख लोगों का रोज का सफर 10 मिनट में पूरा कर देगा, जो अब तक आधे घंटे से ज्यादा का होता था।

सिग्नल-टू-सिग्नल ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

अभी मोवा से जोरा जाने के लिए शहरवासियों को लोधीपारा से मंडी गेट, शंकर नगर, खम्हारडीह, तेलीबांधा, VIP चौक, लाभांडी जैसे 7 बड़े सिग्नलों से गुजरना पड़ता है।

ट्रैफिक लोड, अतिक्रमण और चौक-चौराहों पर लगातार बढ़ती भीड़ के कारण सफर सुस्त और थकाऊ हो गया है। गर्मी हो या बारिश, हर मौसम में ये रास्ता परेशानी भरा बन चुका है। लेकिन नया एक्सप्रेस-वे इस पूरी स्थिति को बदल देगा।

45 मीटर चौड़ी होगी सड़क

ये सड़क सीधे मोवा रेलवे क्रॉसिंग से शुरू होकर शंकर नगर, खम्हारडीह, कचना, लाभांडी होते हुए जोरा तक जाएगी। पूरी सड़क 45 मीटर चौड़ी होगी और इसमें कहीं भी सिग्नल नहीं होगा। दो बड़े फ्लाइओवर शंकर नगर और कचना में डबल डेकर स्ट्रक्चर के रूप में बनेंगे। इसके अलावा परसदा रेलवे क्रॉसिंग पर भी एक ओवरब्रिज प्रस्तावित है।

बिना रेलवे जमीन लिए बनाने की तैयारी

इस हाईटेक रोड की सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए रेलवे की एक इंच भी जमीन नहीं ली जाएगी। यह रायपुर के लिए एक टेक्निकल इनोवेशन जैसा है, क्योंकि रेलवे जमीन अधिग्रहण की जटिलताओं के चलते कई प्रोजेक्ट अटक जाते हैं।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर-विजयवाड़ा रेलवे लाइन भविष्य में थ्री या फोर ट्रैक हो सकती है, इसलिए उस जमीन को हाथ नहीं लगाया जाएगा।

एक्सप्रेस-वे 2 ट्रैफिक को डायवर्ट करेगा

इसकी जगह विभाग सरकारी और प्राइवेट लैंड पर ही पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। जमीन अधिग्रहण को लेकर राजस्व विभाग को पत्र भेजा गया है, और जल्द ही सर्वे के लिए एजेंसी नियुक्त की जाएगी।

14 वार्डों को मिलेगा सीधा फायदा इस एक्सप्रेस-वे से सबसे अधिक लाभ नगर निगम के 14 वार्डों के 5 लाख से ज्यादा लोगों को होगा। पंडरी, मोवा, देवेन्द्र नगर, खम्हारडीह, लाभांडी, फुंडहर, जोरा जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों को हर रोज पंडरी, तेलीबांधा, वीआईपी रोड और सिटी सेंटर की ओर आना-जाना होता है।

यह एक्सप्रेस-वे इन सभी इलाकों के बीच ट्रैफिक को डायवर्ट करेगा और सिटी सेंटर पर दबाव को कम करेगा।

नवा रायपुर और एयरपोर्ट तक होगी कनेक्टिविटी

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नवा रायपुर और एयरपोर्ट तक पहुंचने में लगने वाला समय भी घटेगा। जो यात्री अब तेलीबांधा, वीआईपी रोड और मरीन ड्राइव होते हुए एयरपोर्ट तक जाते हैं, वे इस नए रूट से जोरा के रास्ते सीधे एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे।

डिजाइन और स्ट्रक्चर एडवांस्ड

यह प्रोजेक्ट सिर्फ लंबाई या लागत में ही नहीं, बल्कि डिजाइन में भी एडवांस्ड होगा। पूरा एक्सप्रेस-वे मास्टर प्लान में शामिल एमआर रोड (मास्टर रोड) के तहत बनेगा। यह 45 मीटर चौड़ा होगा, जिसमें फुटपाथ, सर्विस रोड, हरियाली और लाइटिंग की आधुनिक व्यवस्था होगी।

शुरुआती सर्वे में यह भी देखा जा रहा है कि यह फोर लेन होगा या सिक्स लेन, इसके लिए एजेंसी को सर्वे रिपोर्ट एक महीने में देनी है।

डबल डेकर ओवरब्रिज बनेंगे

डबल डेकर ओवरब्रिज की खास बात यह है कि ये ऊंचाई में 9 मीटर से अधिक के होंगे, जिससे नीचे से ट्रैफिक और ऊपर एक्सप्रेस-वे का ट्रैफिक दोनों बिना डिस्टरबेंस के चल सके। स्मार्ट ट्रैफिक मैप की ओर कदम रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में यह एक्सप्रेस-वे टू एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

एक तरह से यह राजधानी का नया ट्रैफिक मैप तैयार करेगा। शहर का दक्षिणी हिस्सा जहां से लोग नवा रायपुर, एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल जोन की ओर जाते हैं। वो सीधे इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा।

इंटीग्रेटेड रोड नेटवर्क बनाने की तैयारी

माना जा रहा है कि यह सड़क ट्रैफिक डायवर्जन का मुख्य जरिया बनेगी और आने वाले समय में शहर के इंटर्नल ट्रैफिक को 25-30% तक कम कर देगी। इस एक्सप्रेस-वे के साथ रायपुर में एक दर्जन से ज्यादा अन्य फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और लिंक रोड्स भी प्रस्तावित हैं।

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