नई दिल्ली। 2008 मुंबई आतंकी हमलों को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के हालिया खुलासे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उस समय यूपीए सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव में थी और पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई। इस बयान के बाद बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार कमजोर थी और पाकिस्तान के सामने झुकने वाली थी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि “चिदंबरम साहब को बहुत दिन बाद देश के प्रति प्रेम याद आया। अगर देश पर आतंक का हमला होता और मोदी सरकार होती, तो वही कार्रवाई की जाती जो अब ऑपरेशन सिंदूर में की गई है। लेकिन चिदंबरम साहब के लिए यह बात बहुत देर से आई। राहुल गांधी को समझ में आया कि नहीं, यह उनसे पूछ लें।”
पी. चिदंबरम ने अपने बयान में बताया कि मुंबई आतंकी हमले के तुरंत बाद सरकार ने बदला लेने पर विचार किया, लेकिन उस समय कूटनीतिक रुख अपनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि “मैं उसी दिन गृह मंत्री बना, जिस दिन आतंकवादी मारे गए। आखिरी आतंकवादी 30 नवंबर को मारा गया। मुझे सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की तैयारियों की कोई जानकारी नहीं थी।”
चिदंबरम ने यह भी बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की, लेकिन निष्कर्ष यही निकला कि तत्काल प्रतिक्रिया देने की बजाय कूटनीतिक मार्ग अपनाना उचित होगा। उनका कहना था कि तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत महसूस हुई थी, लेकिन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और दबावों के कारण इसे टालने का निर्णय लिया।
गिरिराज सिंह की टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि जब देश आतंकवाद के हमले का सामना कर रहा था, तब उनकी सरकार में प्रतिक्रिया धीमी और असंगठित थी। वहीं चिदंबरम के बयान से कांग्रेस के भीतर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यूपीए सरकार ने उस समय सही निर्णय लिया।
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में फिर से 2008 के मुंबई हमले के समय की कार्यप्रणाली और सरकार की प्रतिक्रिया पर बहस को जन्म दे दिया है।