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‘जय श्रीराम’ लिखा पटका पहनकर हिंदू यात्रा पर निकले गिरिराज सिंह… JDU बोली- इससे हमारा कोई मतलब नहीं

गले में रामनाम का पटका डालकर ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ के लिए निकले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चर्चा में हैं. इस यात्रा को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि गिरिराज सिंह जानबूझकर माहौल को खराब कर रहे हैं और उनके बयानों से साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है. तिवारी ने कहा, “अगर हम बंटेंगे, तो हम कटेंगे.”

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कांग्रेस ने कही ये बात

तिवारी ने बहराइच की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए एक बड़ी सीख है. उधर, बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने गिरिराज सिंह की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे उनकी पार्टी और एनडीए को कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति अपनी निजी यात्रा के लिए स्वतंत्र है,” और यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने भी इस यात्रा से किनारा कर लिया है.

क्या बोले गिरिराज सिंह?

उधर, गिरिराज सिंह ने अपने बयान में कहा कि वह महादेव से यह नहीं कहने गए कि वह हिंदू परिवार में पैदा हुए हैं. उनका लक्ष्य हिंदुओं को एकत्रित करना है. उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने बहराइच की घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जो केवल मुस्लिम वोट के लिए है. गिरिराज सिंह की इस यात्रा से और इसके चारों ओर चल रही राजनीतिक बहस के बाद अब बिहार नई सियासती बहस का हॉटस्पॉट बनता दिख रहा है.

गिरिराज सिंह की यात्रा हले चरण में सीमांचल में भागलपुर से शुरू होकर कटिहार, पूर्णिया, अररिया और 22 अक्टूबर को किशनगंज पहुंचकर खत्म होगी. हिंदू जनजागरण और एकजुटता का लक्ष्य लेकर सीमांचल के इलाके में गिरिराज सिंह की यात्रा को लेकर सियासी उबाल पैदा हो गया है.

बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में पूजन-हवन

यात्रा शुरू करने से पहले गिरिराज सिंह सुबह 9 बजे भागलपुर के बाबा बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचकर पूजा और हवन किया. हवन के बाद उन्होंने पद यात्रा शुरू की. भागलपुर जिला स्कूल में जनसभा फिर गर शोभा यात्रा के बाद आज ही शाम केंद्रीय मंत्री कटिहार के लिए रवाना हो जाएंगे. यात्रा का उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना बताया जा रहा है जिसका विषय है- ‘संगठित हिंदू – सुरक्षित हिंदू’, जिसमें हिंदुओं की एकजुटता पर जोर दिया गया है.

‘मैं अमन चैन के लिए यात्रा पर निकला हूं’

यात्रा शुरू करने से पहले गिरिराज सिंह ने आजतक से बात करते हुए कहा, ‘मैं अमन चैन के लिए यात्रा पर निकला हूं. हिंदू समाज के लिए सीधा संदेश है- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’. मेरी यात्रा पर दंगा फैलाने वाले सवाल उठा रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘बहराइच की घटना हमारे लिए बड़ी सीख है. बहराइच में आरोपियों के साथ हो हुआ सही हुआ. जो अपराधी है उसके साथ यही होगा.’ गिरिराज सिंह ने कहा, ‘मदरसों में क्या पाठ पढ़ाया जा रहा है किसी से छिपा नहीं है. आतंकी मसूद अजहर ने देवबंद में पढ़ाई की थी. मुझे ये कहने में कोई परहेज नहीं है कि वहां आतंक की पढ़ाई होती है.’

तेजस्वी-अखिलेश पर साधा निशाना

उन्होंने कहा, ‘मैं तो महादेव से कहने नहीं गया कि महादेव ने मुझे हिंदू परिवार में पैदा किया. मैं मरूंगा हिंदू. हिंदू को एकत्रित करना मरने से पहले मेरा लक्ष्य है. हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘नीतीश बाबू के साथ भी काम किया है वह भी जानते हैं कि मैं मंत्री रहकर क्या काम करता हूं या नहीं. पीएम नरेंद्र मोदी भी जानते हैं.’

गिरिराज सिंह ने कहा, ‘बहराइच पर तेजस्वी यादव की जुबान नहीं खुली, बंगाल पर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, अखिलेश यादव की जुबान नहीं खुली. आज जो बहराइच की घटना हुई अखिलेश यादव ने एक शब्द नहीं बोला केवल मुस्लिम वोट के लिए.’ उन्होंने कहा, ‘धन, धरती और धर्म के लिए मैंने यह यात्रा शुरू की है. पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा देखकर मैंने 2015 में इस यात्रा की परिकल्पना की थी. मैंने हिंदू के रूप में जन्म लिया था और आजीवन हिंदू ही रहूंगा.’

‘मेरी यात्रा का चुनाव से कोई संबंध नहीं’

उन्होंने कहा, ‘हिंदुत्व की रक्षा करूंगा, भले ही इसके लिए मुझे कोई भी कुर्बानी देनी पड़े.’ उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की कोई चिंता नहीं है. मेरी यात्रा का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. देश में कहीं ना कहीं चुनाव तो चलता ही रहता है. जिन पांच जिलों में मेरी यात्रा होने वाली है वहां हिंदुओं की स्थिति बेहद खराब है.

‘किशनगंज में हिंदुओं की बेटियों को तंग किया जाता है’

गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरी वेदना यह है कि किशनगंज में मंदिर के अंदर गाय का मांस फेंका जाता है. किशनगंज में हिंदुओं की बेटियों को तंग किया जाता है, यही पीड़ा है. हम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए यात्रा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव खुद यात्रा कर रहे थे, लेकिन अब डर से यात्रा बीच में छोड़कर भाग गए हैं.

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