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अस्थमा अटैक से बच्ची की मौत, ध्यान नहीं देने वाले मां-बाप हत्या के आरोप में गिरफ्तार

अमेरिका में एक कपल की नौ वर्षीय बेटी को अस्थमा का अटैक आया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए कपल को सेकेंड डिग्री हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। लड़की के माता-पिता पर उसके इलाज की अनदेखी करने के आरोप लगे हैं।

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अस्पताल के बजाए इमरजेंसी पर कॉल किया
नौ वर्षीय लड़की की मौत का ये मामला अमेरिका के मिनेसोटा के मिनियापोलिस का है। एक खबर के अनुसार एमी लिन मोड्रो को अस्थमा का अटैक पड़ने के बाद उनके पेरेंट्स एंथनी और रेचल मोड्रो ने उन्हें नहाने के लिए कहा। जिस वक्त एमी को अटैक पड़ा वो अपने एक दोस्त के घर पर थी. रिपोर्ट के मुताबिक एमी के माता-पिता ने उसको इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय इमरजेंसी नंबर 911 पर कॉल किया।

एंथनी और रेचल की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में फाइल किए गए डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक जब एमी को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उसने अपनी मां की दोस्त को इसकी जानकारी दी। एमी ने उन्हें बताया कि उसके पास सिर्फ उसकी दादी का इनहेलर पड़ा है। महिला ने तुरंत एंथनी को कॉल किया। लेकिन एंथनी ने फोन रेचल को पकड़ा दिया। रेचल ने महिला से एमी को घर लाने की बात कही।

दोस्त ने बताया एमी नाटक नहीं कर रही
रिपोर्ट के मुताबिक रेचल की दोस्त ने उन्हें ये भी बताया कि एमी अस्थमा अटैक को लेकर नाटक नहीं कर रही है। यहां तक कि उसने एमी को डॉक्टर के पास ले जाने की बात भी कही, लेकिन एंथनी और रेचल ने उनकी बात को नकार दिया. तीन घंटे बाद एमी की चाची ने एक फैमिली फ्रेंड को बुलाया। वो मोड्रो के घर पहुंचा और उसने देखा कि लड़की की त्वचा नीली पड़ गई थी। वो रो रही थी और अपना हाथ उठाने में भी असमर्थ थी।

डॉक्टर बोले- ‘एमी को बचाया जा सकता था’
कोर्ट में दिए गए डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक जब फैमिली फ्रेंड उनके घर पहुंचे तो रेचल एमी के लिए स्टीम बाथ तैयार कर रही थीं। वहीं एंथनी ने एमी को इनहेलर तक नहीं दिया था। कपल के न मानने पर फैमिली फ्रेंड एमी को घर से बाहर ले गए और 911 पर कॉल किया। उन्होंने ये कॉल एमी की तबीयत बिगड़ने के तीन घंटे बाद किया था।

एमी को हेन्नेपिन काउंटी मेडिकल सेंटर ले जाया गया। लेकिन हॉस्पिटल में डॉक्टरों को उसकी नब्ज नहीं मिली। डॉक्टरों ने एमी के शरीर में ऑक्सीजन में कमी के कारण उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इतना ही नहीं डॉक्टरों ने ये भी बताया कि अगर एमी को समय से मेडिकल ट्रीटमेंट मिल गया होता तो उन्हें बचाया जा सकता था।

 

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