किसानों, बुनकरों-युवाओं के लिए खुलेगा वैश्विक बाजार… भारत-UK मुक्त व्यापार समझौते पर बोले CM विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच मुक्त व्यापार समझौते को भारत की विकास यात्रा का नया अध्याय बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति आभार जताया है. सीएम ने कहा कि यह समझौता न केवल भारत के आर्थिक क्षितिज को विस्तार देगा बल्कि विशेष रूप से ऐसे राज्य जो कृषि, शिल्प, लघु और कुटीर उद्योगों पर आधारित हैं, जैसे छत्तीसगढ़, उन्हें वैश्विक व्यापार का हिस्सा बनने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान करेगा.

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत-यूके एफटीए से भारत के 99 फीसदी निर्यात उत्पादों को ब्रिटेन में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी. इससे किसानों, एमएसएमई, हस्तशिल्पियों, बुनकरों और पारंपरिक उत्पादों को सीधे लाभ मिलेगा. इस समझौते से अनुमानित 23 अरब डॉलर के नए व्यापार अवसर खुलेंगे.

कृषि प्रधान राज्यों के लिए नई उम्मीद- साय

उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम छत्तीसगढ़ जैसे कृषि और श्रम प्रधान राज्यों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता छत्तीसगढ़ के लिए कृषि को बल, उद्योग को संबल और युवाओं को नए रोजगार के अवसर देगा. राज्य सरकार स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, और निर्यात सहायता केंद्रों की स्थापना पर कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके दूरदर्शी नेतृत्व, आर्थिक सुधारों और वोकल फॉर लोकल को ग्लोबल स्तर पर पहुंचाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर राजी हुए दोनों देश

भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देश व्हिस्की और कई अन्य उत्पादों पर शुल्क समाप्त कर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर राजी हुए हैं. इसके साथ-साथ पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और प्रवास और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंधों को विस्तार देने के लिए ‘विजन 2035’ का भी अनावरण किया.

व्यापार को 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य

दोनों देशों के बीच हुए समझौते (CETA) का उद्देश्य बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा द्विपक्षीय व्यापार को सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना है. दोनों पक्ष दोहरे अंशदान समझौते (DCC) पर भी सहमति पर पहुंचे हैं. जिसके तहत भारतीय कामगारों के नियोक्ताओं को ब्रिटेन में तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान देने से छूट मिलेगी. यूरोपीय संघ (EU) छोड़ने के बाद यह ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है.

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