इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. इंडोनेशिया और भारत का रिश्ता हजारों साल पुराना है. दोनों देशों के सांस्कृतिक जुड़ाव की कई कहानियां आपने सुनी होंगी. आज भले ही इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला मुस्लिम देश क्यों न हो लेकिन आज भी वहां की संस्कृतियों में हिंदू धर्म की झलक देखने को मिलती है. मौजूदा समय में इंडोनेशिया में हिंदू आबादी 2 फीसदी से भी कम है. लेकिन हजारों सालों तक इस देश पर हिंदू और बौद्ध धर्म मानने वाले राजाओं का शासन रहा है. ऐसे में आज हम आपको इंडोनेशिया की ऐसी मान्यताओं के बारे में बताएंगे जिनमें हिंदू धर्म का जुड़ाव देखने को मिलता है.
इंडोनेशिया में हिंदू संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का असर यहां के समाज, कला और धार्मिक परंपराओं में गहरा है. खासकर भगवान गणेश के प्रति आस्था यहां विशेष रूप से देखने को मिलती है. गणेश भगवान, जो बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं.
गणेश पूजा की शुरुआत और धार्मिक प्रभाव
इंडोनेशिया में हिंदू धर्म का प्रभाव प्राचीन काल से ही रहा है. खासकर बाली द्वीप पर, जहां हिंदू धर्म का प्रभाव बहुत अधिक है. यहां गणेश पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है. गणेश भगवान के प्रति आस्था सिर्फ हिंदू समुदाय में ही नहीं, बल्कि मुस्लिम और ईसाई समुदायों के बीच भी देखी जाती है. यह दिखाता है कि गणेश भगवान की पूजा अब केवल एक धार्मिक परंपरा के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में भी लोकप्रिय हो गई है.
दुकानों, घरों में गणेश की मूर्तियां
बाली के अलावा, जावा और सुमात्रा जैसे द्वीपों पर भी गणेश की पूजा होती है. खासकर व्यापारिक और सामाजिक वर्गों में उन्हें समृद्धि और सफलता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. गणेश की मूर्तियां घरों, दुकानों और कार्यालयों में रखी जाती हैं जहां लोग उनका पूजन करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं.
गणेश भगवान की तस्वीर और संस्कृति
इंडोनेशिया में गणेश भगवान की तस्वीर का धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का विशेष महत्व है. गणेश की मूर्तियों का निर्माण यहां की कला और शिल्पकला का एक हिस्सा है. बाली की पारंपरिक कला और शिल्प में गणेश की मूर्तियां आम तौर पर देखने को मिलती हैं. यहां तक कि इंडोनेशिया के कई प्रमुख त्योहारों में भी गणेश की पूजा की जाती है, जैसे कि बाली का ‘गणेश चतुर्थी’ उत्सव, जो यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
व्यापारियों में गणेश भगवान की पूजा
इंडोनेशिया में गणेश की पूजा का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि यहां उसे ‘विघ्नहर्ता’ और ‘समृद्धि के देवता’ के रूप में पूजा जाता है. व्यापारियों के लिए गणेश भगवान की पूजा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि उन्हें यह विश्वास होता है कि भगवान गणेश उनके काम में आ रही बाधाओं को दूर करते हैं और आर्थिक समृद्धि लाते हैं.
करेंसी में गणेश की तस्वीर
इंडोनेशिया की करेंसी पर भी भगवान गणेश का प्रभाव देखने को मिला है. 1950 के दशक में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो ने एक विशेष संस्करण की बैंकनोट जारी की थी, जिसमें भगवान गणेश की तस्वीर थी. साल 1998 में इंडोनेशिया ने एक करेंसी भी जारी की थी, जिसमें गणेश जी की तस्वीर बनी थी. यह करेंसी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जारी की गई थी, क्योंकि माना जाता है कि श्रीगणेश विद्या के देवता हैं. हालांकि ये करेंसी साल 2008 के बाद से चलन में नहीं है.
मुस्लिम भी करते हैं गणेश पूजा
इंडोनेशिया के मुसलमानों और ईसाई समुदाय के लोग भी गणेश की पूजा में भाग लेते हैं, विशेष रूप से व्यापारिक वर्ग के लोग. गणेश पूजा, बाली में मुख्य रूप से एक पारंपरिक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाई जाती है, जहां स्थानीय लोग अपने घरों और व्यापारिक स्थानों पर गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उनका पूजन करते हैं.
इन मंदिरों में होती है पूजा
गणेश जी की पूजा के चिह्न इंडोनेशिया में भी मिलते हैं. यहां बाली में कई मंदिर हैं जहां गणेशजी की पूजा की जाती है. इनमें उलुवातू मंदिर (Uluwatu Temple) और स्नागग मंदिर (Sangeh Temple) प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा जावा का प्रसिद्ध प्रंबानन मंदिर भी (Prambanan Temple) अपनी गणपति प्रतिमा के लिए पहचाना जाता है, जहां हिंदू सांस्कृतिक प्रभाव देखने को मिलता है.