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देश के साथ विदेश में भी प्रसिद्ध हैं देवी धूमावती, जानिए क्या है मान्यता…

 

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मध्य प्रदेश :  दतिया में देश का एक ऐसा मंदिर जहां भक्तों का तांता हमेशा लगा रहता है. नवरात्रि के मौके पर नजारा कुछ इस प्रकार है कि मंदिर में अपार भीड़ है. जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के दतिया स्थित विश्व प्रसिद्ध देवी तांत्रिक शक्तिपीठ मां पीतांबरा मंदिर की. इस मंदिर में विराजमान हैं दो देवियां. देवी मां पीतांबरा और देवी मां धूमावती…। नवरात्रि के मौके पर मंदिर में स्थित देवी पीतांबरा माता के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कतारबद्ध हैं तो वही देवी मां धूमावती के दर्शनों के लिए भी लंबी-लंबी लाइन लगी है.

 

देवी मां पीतांबरा को सियासत की देवी कहा जाता है तो वही देवी मां धूमावती तंत्र साधना की प्रमुख देवी है। माता धूमावती को नमकीन का प्रसाद लगता है. जिसमें मगोड़ी,पकौड़ी कचौड़ी ,बेसन से निर्मित नमकीन आदि प्रमुख है. देवी मां धूमावती की स्थापना मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज ने उसी दरमियान कराई थी जब उन्होंने राष्ट्र रक्षा के लिए मंदिर में बड़ा यज्ञ आयोजित किया था.

 

भारत पर चीन ने घुसपैठ करते हुए सीमाओं पर कब्जा करने का प्रयास किया था. तब मध्य प्रदेश के दतिया में स्थित देवी मां पीतांबरा मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज ने सन 1962 में राष्ट्र रक्षा के लिए देवी मां धूमावती का आह्वान किया और तंत्र साधना विधान से एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया.

देवी पीतांबरा मंदिर में वर्तमान समय में यह प्राचीन यज्ञशाला देवी धूमावती मंदिर के ठीक सामने स्थित है. देवी मां धूमावती के दर्शन सौभाग्यवती स्त्रियों को वर्जित है. देवीधूमावती के एक निश्चित समय पर ही होते हैं. मां धूमावती मंदिर में हमेशा पर्दा पड़ा हुआ रहता है. देवी धूमावती मंदिर सहित मंदिर के पहुंच मार्ग पर सौभाग्यवती स्त्रियों को दर्शन न करने की मनाही के निर्देश बोर्ड चारों तरफ लगे हुए हैं.

 

 

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