गोगामेड़ी मेला 2025: 9 अगस्त से उमड़ेगा आस्था का सैलाब, प्रशासन ने कसी कमर…बैठक में सुविधाओं और सुरक्षा पर जोर

हनुमानगढ़: उत्तर भारत के सबसे बड़े और सांप्रदायिक सौहार्द्र के प्रतीक गोगामेड़ी मेले की तैयारियां इस बार भी पूरे उत्साह के साथ की जा रही हैं. 2025 का यह ऐतिहासिक मेला 9 अगस्त से आरंभ होकर पूरे भाद्रपद मास तक चलेगा. हर वर्ष की भांति इस बार भी देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के गोगाजी महाराज के मेले में पहुंचने की उम्मीद है.

इसी क्रम में सोमवार को गोगामेड़ी ग्राम पंचायत सभागार में पूर्व तैयारी बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव, भादरा विधायक संजीव बेनीवाल और पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने की. बैठक में यातायात, चिकित्सा, पेयजल, स्वच्छता, कानून-व्यवस्था और संचार जैसी व्यवस्थाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ.

बैठक के बाद कलेक्टर और एसपी ने गोगाजी की समाधि पर पूजा-अर्चना की और मेले की व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया. इस दौरान डॉ. यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं के अनुभव को अधिक सुगम एवं गरिमामयी बनाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. विभागीय समन्वय और जनभागीदारी से मेला बेहतर ढंग से आयोजित किया जाएगा.

हर साल लगभग 25 लाख श्रद्धालु इस मेले में शिरकत करते हैं. इस भीड़ को सुव्यवस्थित ढंग से संभालने हेतु प्रशासन ने इस बार कई नई पहलें की हैं. अतिरिक्त पार्किंग, स्वच्छता युक्त शौचालय, मोबाइल नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए अस्थायी टावर और मुफ्त पंडालों की व्यवस्था की जा रही है. इस बार देवस्थान विभाग द्वारा पहली बार कुंभ मेला की तर्ज पर टेंट स्थापित किए जाएंगे, जिसमें प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं के ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की जाएगी। भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए फूड इंस्पेक्टरों की टीमें भी तैनात रहेंगी. स्वच्छता पर भी विशेष जोर दिया जाएगा.

सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष पुलिस दस्तों, सिविल डिफेंस और ड्रोन कैमरों की तैनाती की जाएगी. यातायात को सुगम बनाए रखने हेतु वैकल्पिक मार्ग, शटल सेवा और ट्रैफिक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा. साथ ही आपातकालीन चिकित्सा दल, एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्र भी मेले क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे.

बैठक में एडीएम नोहर श्रीमती संजू पारीक, जिला परिषद सीईओ ओपी बिश्नोई, एसडीएम राहुल श्रीवास्तव, भादरा एसडीएम कल्पित श्योराण, सहायक आयुक्त ओमप्रकाश, पंचायत समिति प्रधान सोहन ढील सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.

गोगामेड़ी मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द्र और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है. यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के श्रद्धालु गोगाजी महाराज की समाधि पर श्रद्धा अर्पित करते हैं. इस वर्ष प्रशासन की तैयारियां और जनसहयोग इसे और भी गरिमामयी और ऐतिहासिक आयोजन बनाने की ओर अग्रसर हैं.

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