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छत्तीसगढ़ में नौकरी का सुनहरा अवसर, 10 हजार से ज्यादा वैकेंसी, डॉक्टरों की भी बल्ले बल्ले

रायपुर: मानसून सत्र के तीसरे दिन विधायक भैया लाल राजवाड़े ने प्रश्न पूछा कि बैकुंठपुर जिला अस्पताल में कितने सेटअप है. कौन कौन से पद रिक्त है कौन भरे हैं. वर्तमान में किन पदों पर स्टाफ की जरूरत है. पिछले 2 साल में कितने मरीज अस्पताल में एडमिट किए गए और कितने मरीज रेफर किए गए.

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भैया लाल राजवाड़े के प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पहले विधायक भैया लाल राजवाड़े को अपना अभिभावक बताया. आगे उन्होंने कहा कि बैकुंठपुर जिला अस्पताल में 188 पद स्वीकृत है. 111 लोग काम कर रहे हैं. 77 पद खाली है. 98 पद जीवनदीप समिति, डीएमएफ और एनएचएम से भर लिए गए हैं लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के 6 पद खाली है और 9 चिकित्सा अधिकारी के पद खाली है. साल 2022-23 में बैकुंठपुर जिला अस्पताल में 19821 मरीज भर्ती हुए. 1410 को रेफर किए गए. इस वित्तीय वर्ष में 5318 मरीज भर्ती हुए. जिसमें से 481 मरीजों को रेफर किया गया. भइया लाल राजवाड़े ने आगे पूछा कि अस्पतालों से रेफरल कब तक खत्म होगा. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब दिया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती जल्द होगी. इस पर विधायक अजय चंद्राकर ने टोका और कहा कि विधानसभा में जो घोषणा की जाती है उन्हें पूरा करना भी जरूरी होता है.

कब बंद होगी घरों में डॉक्टरों की दुकान: विधायक भैया लाल राजवाड़े ने कहा घरों में कई डॉक्टरों ने दुकान लगा रखी है, जिससे डॉक्टर सिर्फ अपने क्लीनिक में बैठे रहते हैं. अस्पताल में दूसरे शिफ्ट में कोई डॉक्टर ही नहीं रहता. डॉक्टरों की दुकान कब तक बंद होगी. डिलीवरी के लिए 50 हजार रुपये लिए जाते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया कि दो प्रकार के डॉक्टर होते हैं. पहले प्रैक्टिशनर होते है और दूसरे नॉन प्रैक्टिश करने वाले डॉक्टर है. महिला चिकित्सा की नियुक्ति की गई थी, सर्जन भी नियुक्त किया गया था लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. 15 दिन के अंदर जल्द से जल्द महिला डॉक्टर और एनेसथीसिया के डॉक्टरों की भर्ती होगी. 15 दिन के अंदर महिला डॉक्टर और एनेसथीसिया के डॉक्टर की भर्ती होगी.

चरणदास महंत ने ली चुटकी: नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक को अपना गुरु बताया तो क्या ये मामला कोरिया जिले में ही रहकर इस मामले को क्यों नहीं सुलझाया गया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने भी कहा कि यहां तक मामला नहीं आना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में 1000 से ज्यादा डॉक्टरों सहित 10 हजार मेडिकल स्टाफ की भर्ती: विधायक धरमजीत ने कहा कि पूरे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. बड़े बड़े लोगों के बच्चे बॉन्ड भरकर सरकारी खर्चे में डॉक्टर बन जाते हैं और फिर पैसे पटा कर छोड़ देते हैं. इस पर कड़ा निर्णय की जरूरत है. मंत्री ने जवाब दिया कि 1079 डॉक्टरों की विशेषज्ञ और मेडिकल अफसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. 8084 स्टाफ नर्स और भृत्य की भर्ती की जा रही है. 232 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसियोटेट प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएससी को भेज दिया गया है. इस साल 10 हजार मेडिकल स्टाफ की भर्ती की तैयारी है.

दुर्ग जिला अस्पताल में महिलाओं की सर्जरी के बाद टांके खुलने की शिकायत: विधायक गजेंद्र यादव ने सवाल किया कि दुर्ग जिला अस्पताल में पिछले 2 साल में कितने प्रसव किए गए जिसमें महिलाओं के टांके खुलने की शिकायत की गई. इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई की गई.

मंत्री ने जवाब दिया कि दुर्ग जिला अस्पताल में पिछले 2 साल में 6202 सर्जरी की गई. इसमें 16 मरीजों के टांके खुलने की शिकायत मिली थी जिन्हें दोबारा टांका लगाकर ठीक कर दिया गया. पिछले 6 महीने से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली. गजेंद्र यादव ने कहा कि 15 दिन पहले भी इस तरह की शिकायत अस्पताल से आई थी. दुर्ग जिला अस्पताल से लगातार ये शिकायत आ रही है इस लापरवाही पर क्या करेंगे. जिला अस्पताल में स्टाफ की समस्या बनी हुई है. जीवन दीप समिति की तरफ से 10 रुपये की राशि लेकर लोगों को बड़ी सहायता मिलती थी. क्या इसे दोबारा शुरू किया जाएगा. इस पर मंत्री ने कहा कि ये कमिटी पर छोड़ा गया है ये जीवनदीप समिति पर निर्भर है.

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