गोंडा में वर्ष 2014 में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद और मारपीट के मामले में अदालत ने शनिवार को बड़ा फैसला सुनाया। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार तृतीय की अदालत ने सपा जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन समेत पहले पक्ष के पांच आरोपियों को दो-दो वर्ष का कारावास और 11-11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
वहीं, दूसरे पक्ष के सात आरोपियों को सात-सात वर्ष का कारावास और 54-54 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया.
पहला पक्ष
अदालत ने कोतवाली देहात के ग्राम चिश्तीपुर निवासी व सपा जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन, उनके भाई अफसार हुसैन, भतीजे व सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरफराज हुसैन उर्फ सोनू, ग्राम सराय जरगर निवासी मासूम अली और ग्राम दौलतपुर निवासी गुलाम हैदर को दोषी करार दिया। सभी को अपील अवधि तक जमानत दी गई है.
दूसरा पक्ष
दूसरे पक्ष के ग्राम चिश्तीपुर निवासी शाकिर अली, आरिफ, फिरोज खां, मोबिन, तस्लीम, कय्यूम और मारूफ को सात-सात वर्ष की सजा के साथ जेल भेज दिया गया है.
मामले की पृष्ठभूमि
28 सितंबर 2014 को चिश्तीपुर गांव में जमीन पर कब्जेदारी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था, जो मारपीट में बदल गया। पहले पक्ष से शाकिर अली और दूसरे पक्ष से सरफराज हुसैन ने कोतवाली देहात में मुकदमे दर्ज कराए थे.
अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) बसंत शुक्ल, अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ओम प्रकाश शुक्ल और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित पाठक ने पैरवी की.