गोंडा : वन विभाग की लापरवाही से पर्यावरण पर संकट, क्षेत्र में धड़ल्ले से काटे जा रहे प्रतिबंधित वृक्ष

गोण्डा जनपद के वन क्षेत्र टिकरी अन्तर्गत अवैध वृक्ष कटान लगातार जारी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने से बचते नजर आ रहे हैं. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते एक सप्ताह में करीब एक दर्जन प्रतिबंधित वृक्षों जैसे गुलर, सागौन और जामुन आदि की अवैध कटाई हो चुकी है.

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गांव-गांव में हो रही हरे वृक्षों की कटाई

स्थानीय निवासियों के अनुसार, ग्राम पयासीपुरवा में 2 गुलर, ग्राम नैयपुरवा में 1 गुलर, ग्राम गोपालपुर हाउस में 1 गुलर, ग्राम दुर्जनपुर घाट क्षेत्र में 2 जामुन सहित अन्य कई प्रतिबंधित वृक्षों की कटाई हो चुकी है. ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है.

 

जिम्मेदारों की मिलीभगत की आशंका

सूचना देने वाले लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि स्थानीय वनकर्मियों और वन क्षेत्राधिकारी की मिलीभगत से ही यह कटान जारी है. इस मिलीभगत के कारण लकड़कट्टों के हौसले बुलंद हैं और वन संपदा का खुलेआम दोहन हो रहा है.

वन अधिकारी से बातचीत, कार्रवाई पर सस्पेंस

इस मामले में जब कुछ मीडियाकर्मियों ने वन क्षेत्राधिकारी टिकरी से दूरभाष पर संपर्क कर कार्रवाई की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब देकर कॉल काट दिया. इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या वन विभाग खुद ही इस अवैध कटान को संरक्षण दे रहा है?

पर्यावरण और हरियाली पर संकट

वन क्षेत्र में इस तरह की अवैध कटाई से पर्यावरण को गहरा नुकसान पहुंच रहा है. यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में हरियाली खत्म होने का खतरा बढ़ सकता है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से तुरंत कठोर कार्रवाई करने की मांग की है ताकि अवैध कटान पर लगाम लगाई जा सके.

 

 

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