गोंडा: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ी. गोंडा जनपद के रूपईडीह पीएचसी में संसाधनों और डॉक्टरों की कमी के चलते गर्भवती महिला और नवजात शिशु की मौत हो गई. परिजन और ग्रामीणों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं. जानकारी के मुताबिक, मल्लापुर लालापुरा की गर्भवती महिला को सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन पीएचसी रूपईडीह लेकर पहुंचे.
अव्यवस्था के चलते नवजात की मौत हो गई. इसके बाद प्रसूता को जिला महिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां स्टाफ ने भर्ती करने से मना कर दिया. मजबूरन परिजन महिला को मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां आपातकालीन कक्ष में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी को सीएचसी बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन राजनीतिक दावेदारी में इसे खरगूपुर में स्थापित कर दिया गया. परिणामस्वरूप 45 ग्राम पंचायतों के लोगों को अव्यवस्थित स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
आशा कार्यकर्ता के प्रयासों और समय पर पहुंचाने के बावजूद महिला की जान बच न सकी. ग्रामीणों ने कहा कि करोड़ों रुपये स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अव्यवस्था और संसाधनों की कमी के कारण प्रसूताओं की जान जोखिम में है. मृतक महिला के परिजनों ने मीडिया से बातचीत में जिला महिला अस्पताल के स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.