गोंडा : जिले से एक हैरान कर देने वाला और चटपटा मामला सामने आया है, जिसने पूरे सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है। ये मामला कोर्ट परिसर का है, लेकिन कारण कुछ अलग ही है — बिस्किट और नमकीन.
दरअसल, अपर सत्र न्यायाधीश (ADJ) के विश्राम कक्ष में सिविल जज जूनियर डिवीजन एफटीसी सुश्री शर्मिष्ठा साहू के आगमन पर जज साहब ने अर्दली को आदेश दिया कि चाय के साथ बिस्किट लाया जाए.लेकिन अर्दली महोदय ने इस आदेश को या तो गलत समझा या जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया और बिस्किट की जगह रख दिए खराब, बदबूदार नमकीन दालमोट
इतना ही नहीं, नोटिस में ADJ ने साफ तौर पर लिखा कि अलमारी में अच्छे बिस्किट पहले से मौजूद थे, इसके बावजूद अर्दली ने पुराने, सड़ चुके दालमोट को परोस दिया, जो फेंकने लायक थी। इससे नाराज होकर जज साहब ने 30 मई को अर्दली को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 31 मई को सुबह 10:30 बजे तक जवाब तलब किया है.
“आपने जानबूझकर क्यों खराब दालमोट पेश की जबकि अच्छे बिस्किट मौजूद थे? क्या ये अनुशासनहीनता नहीं?” — जज साहब का नोटिस
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस:
नोटिस की कॉपी वायरल होते ही सोशल मीडिया पर मीम्स, चुटकुले और गंभीर बहस छिड़ गई है। कोई इसे ‘ताकत का दिखावा’ बता रहा है तो कोई न्यायपालिका की ‘छोटी-छोटी बातों पर सख्ती’ कहकर आलोचना कर रहा है। वहीं, कुछ यूजर्स न्यायिक मर्यादा की बात करते हुए जज साहब का समर्थन भी कर रहे हैं.
अमृत प्रभात इस वायरल नोटिस और अर्दली के जवाब की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता, लेकिन ये मामला न्यायिक गलियारों से निकलकर अब हर गली-मोहल्ले की चर्चा का विषय बन चुका है. गोंडा में कोर्ट से जुड़ा ये पहला दिलचस्प मामला नहीं है। लेकिन बिस्किट बनाम दालमोट विवाद ने यह ज़रूर साबित कर दिया कि न्याय का स्वाद भी कभी-कभी चाय के प्याले से शुरू हो सकता है.