उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर होने के बावजूद भी नोएडा में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का जबरदस्त अभाव है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव में स्थानीय लोग अपने निजी वाहन का उपयोग कर रहे हैं. जिसके कारण नोएडा के सड़कों पर आए दिन जाम लग रहा है. हालांकि बीते दिनों में नोएडा प्राधिकरण के द्वारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं शुरू की गई थी, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई।
अब एक बार फिर शहर को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को मजबूत को करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. इसी मामले में नोएडा प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एवं यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में न्यू एज मोबिलिटी सॉल्यूशन विकसित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इसका कार्यशाला की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने किया. इस वर्कशॉप में तीनों ही प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित अन्य अफ़सर भी उपस्थित थे.
गौरतलब है कि तीनों ही प्राधिकरण के परिक्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना के बराबर है. जिससे आम जनमानस को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आवागमन के लिए लोग अपने वाहनों पर ज्यादा निर्भर है. निजी वाहनों के उपयोग होने के कारण ट्रैफिक सिग्नल पर जाम की समस्या भी लगातार उत्पन्न हो रही है जिसके कारण परिक्षेत्र के लोगों को आवागमन में समस्या तो होती ही है. साथ में शहर में बढ़ता ट्रैफिक जाम प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत बनता जा रहा है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध होने से न केवल आम जनमानस के लिए आवागमन सरल एवं सम होगी बल्कि प्रदूषण स्तर में भी कमी देखने को मिल सकती है.