भोपाल। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में 5.46 करोड़ लोगों को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से प्रतिमाह निशुल्क राशन दिया जा सकता है। यह सीमा पूरी होने के कारण नए नाम पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में नहीं जुड़ पा रहे थे। इस बीच, ई-केवायसी की प्रक्रिया के बाद 24 लाख अपात्र लाभार्थी सिस्टम से बाहर हो गए। इस कारण 15 लाख नई पात्रता पर्ची जारी करने की स्थिति बनी। अब सरकार ने तय किया है कि जो आवेदन लंबित हैं, उनका ई-केवायसी कराकर पीडीएस की सूची में नाम जोड़ा जाएगा।
ता दें, कोरोना महामारी के समय से भारत सरकार पीडीएस में निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। बड़ी संख्या में अपात्रों के शामिल होने की सूचना पर सरकार ने ई-केवाईसी की प्रक्रिया की थी। इसके तहत प्रदेश में 12 लाख ऐसे उपभोक्ता चिह्नित हुए, जिनका निधन हो गया था। इसी तरह छह लाख ऐसे नाम था, जो दो जगह दर्ज थे। रोजी-रोटी कमाने दूसरे राज्य या शहर जाने या फिर अन्य कारण से बाहर जाने वाले लगभग छह लाख नाम सामने आए। इन सभी को हटाया गया।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की पड़ताल जारी
वहीं, भारत सरकार ने छह लाख से अधिक वार्षिक आय वाले डेढ़ लाख, 20 हजार कंपनियों के संचालक और 25 लाख से अधिक का जीएसटी भरने वाले लगभग डेढ़ हजार हितग्राहियों की सूची भी चिह्नित करके भेजी। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की पड़ताल जारी है। जो भी अपात्र पाया जाएगा, उनके नाम भी सूची से हटा दिए जाएंगे।