World Economic Forum 2025: फरवरी में होने वाली RBI की अगले मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है. SBI के चेयरमैन सी एस सेट्टी (SBI Chairman CS Shetty) ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में बिजनेस टुडे के मैनेजिंग एडिटर सिद्धार्थ जराबी के साथ बातचीत में ये संकेत दिया है.
उन्होंने कहा कि नए गवर्नर के आने और आर्थिक ग्रोथ की धीमी रफ्तार के चलते ये कदम उठाया जा सकता है. SBI के चेयरमैन का अनुमान है कि 2025 में कुल 50 से 75 बेसिस पॉइंट्स की रेपो रेट कटौती हो सकती है.
रेपो रेट में कटौती संभव
हमारी हाउस व्यू है कि फरवरी में छोटी कटौती होगी, जो इस बात का संकेत देगी कि केंद्रीय बैंक इसके लिए तैयार है. पूरे कैलेंडर वर्ष 2025 में 50 से 75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती संभव है, जिसमें फरवरी में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती शामिल होगी.
दिसंबर में हुई पिछली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा बैठक में आरबीआई ने लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट को साढ़े 6 परसेंट पर स्थिर रखा था. लेकिन अब भरोसा जताया जा रहा है कि 5 से 7 फरवरी के बीच होने वाली अगली बैठक में ब्याज दर में कमी का एलान हो सकता है.
इसका मकसद बैंकिंग सिस्टम में कैश फ्लो (Cash Flow) को बढ़ाना होगा. रुपये की स्थिति पर बात करते हुए सेट्टी ने कहा कि अप्रैल 2021 से रुपये की चाल डॉलर इंडेक्स के साथ जुड़ी रही है. डॉलर के मजबूत होने पर रुपये में गिरावट आई है.
ब्याज दर कटौती अब जरूरी
SBI चेयरमैन का कहना है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की करेंसीज में रुपया बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय की तुलना में अभी की स्थिति अलग है. 2014 से डॉलर सूचकांक 3-4% बढ़ा, लेकिन रुपये में 45% की गिरावट आई.
आर्थिक मंदी को लेकर सेट्टी का मानना है कि ये एक अस्थायी दौर है. उन्होंने कहा कि स्टील और सीमेंट जैसे सेक्टर्स में निवेश अनुमान से कम हो रहा है. हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा, सड़कों और अन्य क्षेत्रों में निवेश हो रहा है. लेकिन कोर निवेश महत्वपूर्ण है, हमें उम्मीद है कि बजट से इसमें प्रोत्साहन मिलेगा.
बैंकिंग सेक्टर की स्थिति को लेकर सेट्टी ने इसे मजबूत बताया है. उनका कहना है कि बैंकिंग सिस्टम ने बैलेंस शीट मजबूत की है, हमने अंडरराइटिंग प्रोसेसेज को सुधारने के साथ-साथ तकनीक को अपनाया है और ऑपरेटिंग लागत को कम करने की भी कोशिश हो रही है.