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खुशखबरी! भारत में बढ़ी हरियाली, पेड़ लगाने के मामले में UP ने किया गजब, ISFR की रिपोर्ट जारी

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार (21 दिसंबर, 2024) को देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 (ISFR 2023) जारी की. खास बात यह है कि रिपोर्ट में देशभर के लिए वन क्षेत्र को लेकर बेहतर स्थिति दिखाई गई है. इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने खुशी जताते हुए कहा कि देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है, साथ ही 559 वर्ग किलोमीटर के साथ यूपी दूसरे स्थान पर है.

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भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) की ओर से हर दो साल में जारी होने वाला भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) देश के वन और वृक्ष संसाधनों के बारे में सारी जानकारी को सार्वजनिक करती है. रिपोर्ट के अनुसार देश में 156.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है, जबकि 1289.40 वर्ग किलोमीटर वृक्ष क्षेत्र बढ़ा है.

वन और वृक्ष क्षेत्रों में बढ़ोतरी

इस रिपोर्ट में वनस्पतियों के क्षेत्र, कार्बन स्टॉक की स्थिति और वनाग्नि जैसे मामलों पर भी देश भर में मौजूदा स्थिति को बताया गया है. मौजूदा स्थिति को देखें तो देश में कुल 827,357 वर्ग किलोमीटर वन और वृक्ष क्षेत्र है, जो कि देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.7% है. बड़ी बात यह है कि वन क्षेत्र बढ़ाने वाले राज्यों में शीर्ष चार राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान हैं. वहीं, उत्तराखंड के हालात अच्छे नहीं है

उत्तराखंड की स्थिति

उत्तराखंड, जो प्राकृतिक सुंदरता और वनस्पति के लिए जाना जाता है, इस रिपोर्ट में जंगलो में आग लगने की घटनाओं के मामलों में सबसे अधिक प्रभावित राज्य के रूप में उभरा है. पिछले वर्ष की तुलना में जंगलो में आग लगने की घटनाओं में कई गुना वृद्धि हुई है. उत्तराखंड 2022-23 में 13वें स्थान पर था, जबकि 2023-24 में यह पहले स्थान पर आ गया.

आग लगने की बढ़ती घटनाओं के कारण राज्य की बायोडायवर्सिटी पर खतरा मंडरा रहा है. रिपोर्ट में फारेस्ट फायर मैनेजमेंट और निगरानी में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.

फॉरेस्ट कवर मध्य प्रदेश सबसे आगे

फॉरेस्ट कवर में मध्य प्रदेश सबसे आगे है, उसके बाद अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र हैं. कुछ राज्यों ने वन और वृक्ष आवरण में पर्याप्त वृद्धि दर्ज की है, जिसमें छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान सबसे आगे हैं. मिजोरम में भी वन आवरण में वृद्धि देखी गई, जिससे पहले के कुछ नुकसानों की भरपाई हो गई.

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