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Govardhan Puja: 1 या 2 नवंबर… कब है गोवर्धन पूजा? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

Real date of Govardhan puja 2024: पांच दिन के दिवाली के महापर्व में चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन महाराज की पूजा-अर्चना करने का विधान है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से घर में गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.

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इस बार दिवाली की तिथि की वजह से गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है. लोगों में असमंजस है कि गोवर्धन पूजा 1 नवंबर को मनाई जाएगी या फिर 2 नवंबर को. ऐसे आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा कब है 2024 में और गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त कब है.

गोवर्धन पूजा कब है 2024 में?

कार्तिक प्रतिपदा तिथि शुरू – 1 नवंबर, शाम 6 बजकर 16 मिनट पर. कार्तिक प्रतिपदा तिथि समाप्त – 2 नवंबर, रात 8 बजकर 21 मिनट पर. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 दिन शनिवार के दिन मनाई जाएगी.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर को पड़ रही है और इस दिन गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2 नवंबर शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक है. गोवर्धन पूजा के लिए आपको 2 घंटा 45 मिनट का समय मिलेगा.

गोवर्धन पूजा का भोग

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाने की परंपरा है. अन्नकूट के साथ ही भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का प्रसाद भी तैयार किया जाता है.

घर पर गोवर्धन पूजा कैसे करें?

  • गोवर्धन पूजा वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें.
  • इसके बाद दोपहर के समय घर के आंगन में गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाएं.
  • गोवर्धन महाराज के साथ गाय, बछड़े और ब्रज की भी प्रतिमा बनाई जाती है.
  • इसके बाद गोवर्धन महाराज और सभी प्रतिमा को फूल और खील से सजाएं.
  • फिर शुभ मुहूर्त में गोवर्धन महाराज को रोली, अक्षत और चंदन लगाएं.
  • बीच बीच में परिवार के साथ गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाएं और भजन गाएं.
  • इसके बाद दूध, पान, खील बताशे, अन्नकूट आदि चीजें अर्पित करनी चाहिए.
  • फिर पूरे परिवार के साथ पानी में दूध मिलाकर गोवर्धन महाराज की सात बार परिक्रमा करें.
  • परिक्रमा करने के बाद घी का दीपक जलाएं और आरती करें.
  • फिर गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाएं और घर के बड़ों का आशीर्वाद लें.

 

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