केदारनाथ धाम के समीप रविवार सुबह एक बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हुआ, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई. इस दुर्घटना के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से चार धाम यात्रा के लिए आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के संचालन को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा, विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलटों के लाइसेंस भी छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिए हैं.
हादसे में जान गंवाने वालों में पांच यात्री, एक शिशु और एक पायलट शामिल थे. यह घटना उस समय हुई जब आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से केदारनाथ और फिर लौटते वक्त खराब मौसम के कारण गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हेलीकॉप्टर में आग लग गई, जिससे सभी सवार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि दुर्घटना का प्राथमिक कारण घने बादल और अत्यधिक खराब दृश्यता रहा. उन्होंने कहा कि “शून्य दृश्यता के हालात में हेलीकॉप्टर उड़ाना अत्यंत जोखिमपूर्ण था.”
नागर विमानन मंत्रालय ने उठाए सख्त कदम
इस हादसे के बाद नागर विमानन मंत्रालय ने चार धाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर परिचालन पर सख्त नजर रखने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं. मंत्रालय ने कहा कि यह हादसा संभवतः Controlled Flight Into Terrain (CFIT) का मामला हो सकता है, यानी विमान ने नियंत्रित अवस्था में उड़ान भरते हुए जमीन या किसी वस्तु से टकरा गया. हादसे की विस्तृत जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी.
डीजीसीए ने कहा है कि हेलीकॉप्टर गतिविधियों की निगरानी के लिए अफसरों को केदारनाथ घाटी में तैनात किया जाएगा. साथ ही, UCADA कमांड-एंड-कंट्रोल रूम के कार्यों की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं.
सभी चार्टर और शटल हेलीकॉप्टर सेवाएं स्थगित
हादसे के बाद, राज्य सरकार ने 15 और 16 जून को सभी चार्टर और शटल हेलीकॉप्टर सेवाओं को स्थगित कर दिया है. इससे पहले भी ट्रांसभारत एविएशन के दो हेलीकॉप्टर VT-TBC और VT-TBF को अनुचित मौसम में उड़ान भरते हुए पकड़ा गया, जिसके चलते उनके पायलटों योगेश ग्रेवाल और जितेंद्र हरजाई के लाइसेंस छह महीने के लिए रद्द कर दिए गए.
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था और मौसम की स्थिति में उड़ानों की अनुमति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार अब इस दिशा में और कड़े दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी कर रही है.
हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं की पहचान और उनके पार्थिव शरीरों को संबंधित परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और उन्हें हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है.