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सरकारी दावों की पोल खुली: सदापुर गांव के लोग राशन कार्ड के लिए तरसे

चंदौली : प्रदेश सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च करने और विकास कार्यों के दावों के बावजूद, चकिया ब्लॉक के सदापुर गांव के ग्रामीण आज भी राशन कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं.ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि केवल चुनावों के दौरान गांव में आते हैं और उसके बाद जरूरतमंदों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते.

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ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आवास योजना में धनउगाही और मनरेगा मजदूरी के भुगतान में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मनरेगा के तहत काम कराने के बाद भी पात्र लाभार्थियों को उनकी मजदूरी नहीं दी गई. इसके अलावा, सामुदायिक शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं.

ग्रामीणों के मुताबिक, लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद सामुदायिक शौचालय आज भी अधूरा है.शौचालय में न तो पानी की टंकी लगी है और न ही दरवाजे लगाए गए हैं, जिससे वह उपयोग के योग्य नहीं है. यह शौचालय अब सिर्फ कागजों पर ही पूरा हुआ दिखाया जा रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास कार्य सिर्फ कागजों पर ही दिखाई देते हैं. धरातल पर न तो सामुदायिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है.

गांव में हो रहे भ्रष्टाचार और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है.उन्होंने कहा है कि वे अपनी समस्याओं और भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर जिलाधिकारी चंदौली को ज्ञापन सौंपेंगे.

ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी गंभीरता से काम नहीं कर रहे हैं.ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार की योजनाओं का सही लाभ आखिर जरूरतमंदों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहा है.

सदापुर गांव का यह मामला बुनियादी सुविधाओं की कमी और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही की ओर इशारा करता है.ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है.

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