ग्वालियर से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में परिजनों से कथित तौर पर कफन के नाम पर 500 रुपये लिए जाने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद मृतक के मामा ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपनी पीड़ा साझा की और सरकार से सवाल पूछा – “कफन के पैसे तो मत मांगो सरकार…”।
जानकारी के मुताबिक, मृतक युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए ग्वालियर के सरकारी अस्पताल लाया गया था। आरोप है कि जब परिजन शव लेने पहुंचे तो उन्हें कफन और अन्य व्यवस्थाओं के नाम पर 500 रुपये देने को कहा गया। मजबूरी में परिजनों ने रकम दी, जिसके बाद शव उन्हें सौंपा गया।
मृतक के मामा ने इस पूरे मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि दुख की इस घड़ी में जब परिवार पहले ही सदमे में था, तब सरकारी व्यवस्था ने उनसे अतिरिक्त पैसे की मांग की। उन्होंने लिखा कि “गरीब आदमी अस्पतालों में इलाज के लिए भटकता है और मरने के बाद भी चैन नहीं मिलता। सरकार कम से कम कफन के नाम पर पैसे लेना बंद करे।”
यह पोस्ट वायरल होने के बाद प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार की योजनाओं और नियमों के बावजूद अगर अंतिम संस्कार के लिए भी परिजनों को पैसे देने पड़ रहे हैं, तो यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी कर्मचारी द्वारा अवैध रूप से पैसे लिए गए हैं तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और संवेदनहीन रवैये को उजागर कर दिया है। जब परिजन शोक में डूबे होते हैं, तब उनसे कफन या अन्य सुविधाओं के नाम पर पैसे मांगना न सिर्फ अनैतिक है बल्कि अमानवीय भी।
स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं चला रही है, तो फिर इस तरह की घटनाएं क्यों सामने आ रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासनिक जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।