NEET-UG 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि इसकी पवित्रता के “व्यवस्थित उल्लंघन” के कारण इसे “दूषित” किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का केंद्र सरकार ने भी स्वागत किया. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट की आभारी है.
प्रधान ने प्रेस कांफ्रें करते हुए कहा, “सत्यमेव जयते! हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हमारे प्राथमिकता वाले छात्र और उनका, भविष्य सरकार हमेशा से इस पर विश्वास करती रही है और वह सुप्रीम कोर्ट की आभारी है. पिछले कुछ दिनों में 2.5 महीने में पिछली स्केल मिस नहीं हुई है. समाज के कमजोर वर्ग, एससी, एसटी, ग्रामीण छात्रों के कमजोर वर्गों को भी सुप्रीम कोर्ट ने फिर से नीट न कराने का फैसला करके ध्यान में रखा है.”
सत्यमेव जयते!
Today’s verdict on NEET-UG will put speculations to rest and provide relief to lakhs of hard working and honest students. Grateful to Hon’ble Supreme Court for the landmark verdict that upholds the interest of students.
The judgement will open the eyes of those…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) July 23, 2024
उन्होंने आगे कहा, “परीक्षा की पवित्रता और उल्लंघन के लिए शून्य सहनशीलता. अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम अधिसूचित किया गया है. पारदर्शी छेड़छाड़ मुक्त और शून्य त्रुटि परीक्षा प्रणाली – सरकार प्रतिबद्ध है. पूरी तरह से एनटीए का पुनर्गठन – प्रोफेसर डॉ राधाकृष्णन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति इस पर काम कर रही है. डॉ गुलेरिया इस पर काम कर रहे हैं. विशेषज्ञों की राय और मॉडलों पर विचार किया गया है. वह रिपोर्ट भी जल्द ही जारी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और उनके नेतृत्व ने परीक्षा को बकवास बताया था. उन्हें (विपक्ष को) देश के अभिभावकों और लोगों, छात्रों से माफी मांगनी चाहिए. सब कुछ रिकॉर्ड में है. हमने सार्वजनिक परीक्षा को वह कानून दिया जिसकी उसे जरूरत थी. उन्हें जवाब देना चाहिए कि वे कब कानून लेकर आए और क्यों वापस ले लिया? CBT या OMR शीट आधारित परीक्षा पर- ओबीसी, एससी, एसटी छात्रों की संख्या में नीट के लिए बढ़ोतरी हुई है. 4750 केंद्र हैं. परीक्षा ग्रामीण, आदिवासी और दलित बच्चों के लिए है, सबसे बड़े लाभार्थी OMR या CBT, उच्च स्तरीय पैनल तय करेगा.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम उनकी सिफारिशों पर विचार करेंगे. कर्नाटक और तमिलनाडु द्वारा नीट छूट बिल पर एजेंसी द्वारा अखिल भारतीय परीक्षा होनी चाहिए, पुरानी प्रथा में बहुत सारी शिकायतें हैं. मुझे समझ में नहीं आता कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ क्यों जाना चाहते हैं. पिछली बार तमिलनाडु से एक टॉपर था. जो लोग तमिलनाडु का विरोध कर रहे हैं, वे 2010 में परीक्षा संचालन का हिस्सा थे. एक विवादास्पद प्रश्न के कारण 4 लाख से अधिक छात्र रैंक और 4-5 मास्क खो देंगे. अगले दो दिनों में नई मेरिट सूची जारी की जाएगी.