भोपाल। कर्मचारियों के हित में एक के बाद एक कदम उठाने के बाद अब सरकार पेंशनरों की भी सुध लेने जा रही है। पेंशन नियम में संशोधन को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग जुटा है। इसमें आश्रित अविवाहित पुत्री को 25 वर्ष से अधिक आयु होने पर भी परिवार पेंशन की पात्रता रहेगा। साथ ही विधवा (कल्याणी) और परित्याक्ता को भी सम्मिलित किया जाएगा।
भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान कर दिया है, जिसे प्रदेश के कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग काफी समय से की जा रही थी।
संभावना जताई जा रही है कि जून-जुलाई में संशोधित नियम लागू किए जा सकते हैं।
जबकि, भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2011 को अपने कर्मचारियों के मामले में पेंशन नियमों में संशोधन कर 25 वर्ष से अधिक की अविवाहित बेटी, विधवा, परित्यक्ता बेटी को पेंशन देने की पात्रता दी है।
अविवाहित पुत्री की स्थिति में आयु 25 साल से अधिक होने के बाद भी जब तक उसका विवाह नहीं होता, तब तक उसे परिवार पेंशन मिलती रहेगी।
विधवा बेटी और परित्यक्ता के मामलों में आजीवन पेंशन का प्रविधान है। अब यह व्यवस्था मध्य प्रदेश में लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी है।
यह रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंपी जा चुकी है, जिस पर पेंशन संचालनालय भी अभिमत दे चुका है। रिपोर्ट को लेकर वित्त विभाग के कुछ प्रश्न थे, जिस पर पेंशन संचालनालय ने एक बार फिर अपना पक्ष रख दिया है।
सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग ने सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियमों में संशोधन के लिए जो समिति बनाई है, वह नियम को अंतिम रूप दे रही है और जून-जुलाई में कैबिनेट की अनुमति मिलते ही इसे प्रभावी कर दिया जाएगा।