यूपीएस पर सरकार का बड़ा अपडेट, केंद्रीय कर्मचारियों को मिली 3 महीने की मोहलत

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पास शुरू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होने के लिए 30 जून 2025 की डेडलाइन को खिसकाकर 30 सितंबर कर दिया गया है. सरकार की ओर से ये एक्सटेंशन दूसरी बार दिया गया है. आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी यूपीएस में, एनपीएस के मौजूदा प्रावधानों के विपरीत, रिटायरमेंट के बाद फिक्स्ड मंथली पेंशन देने का प्रावधान है.

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 24 जनवरी 2025 की यूपीएस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था. इस योजना का उद्देश्य सेंट्रल सिविल सर्विस (एनपीएस के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के अनुरूप रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी सहित बढ़े हुए रिटायरमेंट बेनिफिट देना है.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि विभिन्न हितधारकों से यह समयसीमा आगे बढ़ाने का अनुरोध मिला था. इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र ने यूपीएस के लिए विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ाकर सितंबर, 2025 करने का फैसला किया है. यूपीएस केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो ‘राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली’ (एनपीएस) के दायरे में आते हैं और एक जनवरी, 2004 को लागू हुए एनपीएस के तहत इस विकल्प को चुनते हैं. सरकार के 23 लाख कर्मचारी यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने के लिए विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.

जनवरी, 2004 में समाप्त हो गई ‘पुरानी पेंशन योजना’ (ओपीएस) के तहत सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था. यूपीएस के संचालन की प्रभावी तिथि एक अप्रैल, 2025 होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस को मंजूरी दी थी. ओपीएस के उलट यूपीएस प्रकृति में अंशदायी है जिसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा. हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर मिलने वाले बाजार प्रतिफल पर निर्भर करता ह.

 

Advertisements
Advertisement