अग्निवीरों के लिए सरकार की नई सौगात, गृह मंत्रालय उठाएगा रिटायर्ड जवानों के भविष्य की जिम्मेदारी

भारत सरकार ने रिटायर्ड अग्निवीरों के भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. जिसमें गृह मंत्रालय को रिटायर्ड अग्निवीरों की प्रोग्रेस आंकने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके तहत रिटायर्ड अग्निवीरों को रोजगार दिया जाएगा. कैबिनेट ने 16 जून को ऑफिसियल नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी.

नोटिफिकेशन के अनुसार भारत सरकार कार्य-आवंटन नियम, 1961 में संशोधन किया गया है. इस संशोधन को ‘भारत सरकार कार्य-आवंटन (381वें संशोधन) नियम, 2025’ नाम दिया गया है. बता दें कि यह 381वां संशोधन है. कैबिनेट ने बताया कि यह नियम तुरंत लागू किया जाएगा. नए नियमों के तहत गृह मंत्रालय के राज्य विभाग में एक नया क्लोज जोड़ा गया है. जिसमें रिटायर्ड अग्निवीरों की प्रगति को दर्ज किया जाएगा.

क्या है अग्निवीर योजना?

अग्निवीर योजना के तहत युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्र बलों में सेवा का मौका मिलता है. इनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) जैसे सुरक्षाबलों में होने वाली भर्तियां शामिल हैं. जिसके बाद इनमें से 25 फीसदी आगे सेना में काम करते हैं, जबकि 75 फीसदी को सेना से रिटायर कर दिया जाता है. इसके बाद कुछ अग्निवीरों को स्थायी सेवा (Permanent Service) में शामिल किया जाता है. जबकि बाकी को अन्य क्षेत्रों में रोजगार और अवसरों के लिए तैयार किया जाता है. गृह मंत्रालय का यह नया कदम उन्हीं रिटायर्ड अग्निवीरों को नौकरी, ट्रेनिंग और अन्य अवसरों में सहायता प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

कौन है अग्निवीर?

अग्निवीर योजना के तहत चुने गए उम्मीदवार को अग्निवीर के नाम से जाना जाता है. सरकार के अनुसार ‘अग्निवीर युवाओं (17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु) को 4 साल के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देती है. इन्हीं अग्निवीरों के लिए भारत सरकार ये नया नियम लाई है. जिससे उनके भविष्य को सिक्योर किया जा सके.

क्या होगा इसका असर?

इस नियम के बाद गृह मंत्रालय रिटायर्ड अग्निवीरों के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य योजनाओं में अहम भूमिका निभाएगा. गृह मंत्रालय रिटायर्ड अग्निवीरों को रोजगार एवं अन्य जरूरी स्किल्स की सुविधा देगा. जिससे अग्निवीरों को सिविल सेवाओं, निजी क्षेत्र और अन्य सरकारी योजनाओं में बेहतर अवसर मिलेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अग्निवीरों के लिए एक नई राह खोलेगा और उनके कौशल को देश के विकास में उपयोग करने में मदद करेगा.

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