प्राइवेट गाड़ियों की हिस्सेदारी सिर्फ 26 फीसदी
गडकरी ने बताया कि नेशनल हाइवे पर कुल टोल कलेक्शन में प्राइवेट गाड़ियों का योगदान केवल 26 फीसदी है, जबकि 74 फीसदी राशि कमर्शियल व्हीकल्स से आती है. उनका कहना था कि इस बदलाव से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि इससे यातायात की भीड़ कम होगी और राजमार्गों पर यात्रा के लिए शुल्क सही दूरी के आधार पर लिया जाएगा.
नई टोल संग्रह प्रणाली: जीएनएसएस आधारित
गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल कलेक्शन के लिए एक नई प्रणाली को लागू करने का फैसला लिया है. यह प्रणाली जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) पर आधारित होगी, जो वर्तमान टोल कलेक्शन प्रणाली से बेहतर होगी. उन्होंने बताया कि इस प्रणाली का प्रायोगिक अध्ययन कर्नाटक और हरियाणा के कुछ राजमार्गों पर किया जा चुका है.
टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय में सुधार
वित्त वर्ष 2018-19 में टोल प्लाजा पर गाड़ियों के लिए औसत प्रतीक्षा समय 8 मिनट था. हालांकि, फास्टैग के प्रयोग के बाद 2020-21 और 2021-22 के दौरान औसत प्रतीक्षा समय घटकर 47 सेकंड रह गया. विशेष रूप से, शहरों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों के निकट टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय में काफी सुधार हुआ है। फिर भी, व्यस्त समय में कुछ देरी हो सकती है.