मणिपुर में एक बार फिर जातीय संघर्ष बढ़ गया है. राज्य की कानून व्यवस्था के मामले को लेकर मंगलवार को छात्रों ने प्रदर्शन किया था. छात्रों के प्रदर्शन के बाद राज्यपाल आचार्य असम रवाना हो गए हैं. विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. छात्रों का आरोप है कि डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार पर कानून व्यवस्था से निपटने में असमर्थ हैं. इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए.
छात्रों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च निकाला था. इस दौरान सुरक्षाबलों से उनकी झड़प हुई थी. अब मणिपुर विश्वविद्यालय ने अगले आदेश तक पीजी और यूजी की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. मंगलवार को राजभवन के पास हुए संघर्ष में 55 से अधिक छात्रों और सुरक्षा कर्मियों को मामूली चोट आईं थीं.
मणिपुर में फिर से जातीय हिंसा भड़की है. इसमें ड्रोन और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है. राजभवन के पास संघर्ष के बाद राज्यपाल ने मंगलवार रात 11 छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. पुलिस का कहना है कि बुधवार को इंफाल घाटी में प्रदर्शन और हिंसा की कोई नई घटना नहीं हुई.
राजधानी इंफाल में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है. संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग की गई है. मंगलवार को सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे. छात्रों ने इंफाल के बीटी रोड और काकवा इलाके में पथराव किया था. राजभवन तक पहुंचने के लिए वो पुलिस कर्मियों से भिड़ गए थे.
सोमवार सुबह से छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने ख्वाइरमबंद के बाजारों में रातभर डेरा डाले रहे. इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने इंफाल कॉलेज और इबोटनसाना हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों से मुलाकात की है. उन्हें आश्वासन दिया है कि सरकार राज्य मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है.