भारत में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो न तो किसी सरकारी नौकरी में हैं, न ही उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा मिलेगी. जैसे कि किसान, दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार और छोटे दुकानदार. इन्हीं लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत की है. आइए जानते हैं कैसे अटल पेंशन योजना मदद करती है?
क्या है अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना (APY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक सहारा देना है. इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक अपना खाता खोल सकते हैं और नियमित रूप से योगदान देकर 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 1,000 से 5,000 रुपये तक की पेंशन प्राप्त कर सकते हैं.
यह योजना न केवल बुजुर्गी में आर्थिक सहारा देती है, बल्कि सम्मान से जीवन जीने की उम्मीद भी जगाता है. कम आय में भी यह योजना जुड़ने का मौका देती है. अटल पेंशन योजना को सरकार ने 9 मई 2015 को लॉन्च किया था.
क्यों लाई गई यह योजना
देश के करोड़ों लोग अलग-अलग सेक्टर में काम करते हैं, जैसे कि किसान, दिहाड़ी मजदूर, घरेलू सहायक, रिक्शा चालक, छोटे दुकानदार वगैरह. इन लोगों को रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन या वित्तीय सुरक्षा नहीं मिलती है. इस योजना का उद्देश्य है कि ऐसे लोग भी अपनी वृद्धावस्था में सम्मान से जीवन जी सकें और उन्हें हर महीने एक निश्चित पेंशन मिल सके.
सरकार ने इसे एक सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में पेश किया ताकि कम आय वाले लोग भी थोड़ी-थोड़ी बचत करके अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें. यह योजना न केवल आर्थिक सहारा देती है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि हर नागरिक, चाहे उसकी आय कुछ भी हो, एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर बुजुर्ग जीवन का हकदार है.
अटल पेंशन योजना आपको क्यों लेना चाहिए?
सरकार अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की गारंटी देती है, इसका मतलब यह है कि अगर योजना में जमा की गई राशि पर मिलने वाला वास्तविक रिटर्न तय किए गए अनुमान से कम होता है, तो उस कमी को सरकार खुद पूरा करती है ताकि आपको तय की गई न्यूनतम पेंशन मिल सके.
वहीं दूसरी ओर, अगर निवेश पर मिलने वाला रिटर्न अनुमान से अधिक होता है, तो उस अतिरिक्त लाभ को आपके खाते में जोड़ दिया जाता है, जिससे आपको योजना के तहत और बेहतर लाभ मिलते हैं. योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 1000 – 5000 रुपये पेंशन मिलेगी. अगर इस योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो जीवनसाथी को पेंशन मिलती रहती है और अगर पति-पत्नी दोनों का निधन हो जाए, तो नामांकित व्यक्ति को पूरी राशि दे दी जाती है. इस योजना को लेने के बाद आपके बैंक खाते से योगदान की राशि अपने आप कट जाती है, इसलिए बार-बार ऑफिस जाने की ज़रूरत नहीं होती है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ अहम नियम हैं
इस योजना का लाभ लेने के लिए
⦁ आप भारतीय नागरिक होने चाहिए.
⦁ आप टैक्सपेयर्स न हो.
⦁ आपके पास एक बचत खाता होना अनिवार्य है.
⦁ आपकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
⦁ आप किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना जैसे EPF के सदस्य नहीं होने चाहिए.
योगदान का तारीक और समय
आप योगदान हर महीने, तीन महीने या हर छह महीने में कर सकते हैं. आपकी योगदान राशि इस पर निर्भर करती है कि आप कितनी मासिक पेंशन चाहते हैं (₹1,000 से ₹5,000 तक) और आपने किस उम्र में योजना में प्रवेश किया है.