GPM: किराना दुकान की आड़ में गांजा बिक्री के गोरखधंधे का पर्दाफाश, महिला सहित चार गिरफ्तार, 10 साल से चल रहा था अवैध कारोबार

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नशीले पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत कोटमी चौकी के ग्राम पथर्रा बस स्टैंड पर एक किराना दुकान की आड़ में गांजा बिक्री के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ। पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल और डीएसपी निकिता तिवारी के पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की गई.

मुखबिर की सूचना पर कोटमी चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और साइबर सेल जीपीएम की संयुक्त टीम ने दबिश देकर मुख्य आरोपी सीमा गुप्ता, उसकी बेटी रेणु गुप्ता, बेटा हिमांशु गुप्ता और सहयोगी अथर गिरी उर्फ अजय को गांजा और नकद राशि के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। सभी आरोपी ग्राम पथर्रा के निवासी हैं.

जांच में खुलासा हुआ कि सीमा गुप्ता पिछले 10 वर्षों से गांव में अवैध कब्जे पर रहकर नशीले पदार्थों की तस्करी कर रही थी। वह पहले अवैध शराब तस्करी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामलों में भी शामिल रही है, जिसके लिए पेंड्रा थाने में उसके खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमा और उसका परिवार गांव में दहशत का माहौल बनाए हुए था। गांजा बिक्री से कमाए धन से उन्होंने पक्का मकान और महंगी मोटरसाइकिलें खरीदीं.

पूछताछ में पता चला कि गांजा की आपूर्ति के लिए सीमा का बड़ा बेटा अविनाश गुप्ता उर्फ शानू, छोटा बेटा हिमांशु, भांजा अथर गिरी, और सहयोगी महेंद्र गिरी उर्फ मधुर शामिल थे। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।

पुलिस ने 8.470 किलोग्राम गांजा, 59,190 रुपये नकद, और तीन मोबाइल फोन (कीमत 25,000 रुपये) जब्त किए, जिनकी कुल कीमत 1,68,890 रुपये है। आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड और उनके सप्लाई नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है।

इस कार्रवाई में उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, सनत म्हात्रे, प्रधान आरक्षक चौपाल कश्यप, रवि त्रिपाठी, आरक्षक राजेश शर्मा, इंद्रपाल आर्मो, हर्ष गहरवार, और महेंद्र परस्ते की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

जिला पुलिस ने आमजन से अपील की है कि नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सूचना देने के लिए केंद्र सरकार की मानस नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर 1933 पर संपर्क करें। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

 

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