उम्र के अंतिम पड़ाव में, भीगी आंखों के साथ बालोद के संयुक्त जिला कार्यालय का चक्कर काट रहे ये बुजुर्ग छावनी भिलाई निवासी गौतम बाई और उनके पति भारत राम साहू हैं। मामला गुंडरदेही थाना क्षेत्र का है।
पिछले साल 12 सितंबर को उनके इकलौते नाती युवराज राम साहू की लाश गुंडरदेही क्षेत्र के डंगनिया स्थित चंदन ढाबा में मिली थी। तब से ये बुजुर्ग इसे हत्या मानते हुए लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
मृतक के दादा-दादी ने ढाबा संचालक पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाया है और साथ ही इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। बता दें कि मृतक के दादी ने एक फोटो दिखाई जिसमें उनके नाती का लाश चार फीट की ऊंचाई पर कील में चद्दर की रस्सी बंधी हुई थी। दादी के मुताबिक आसपास खून भी फैला था।
लाश के आसपास खून फैला था
एसपी कार्यालय पहुंची गौतम बाई के हाथ में घटना की एक तस्वीर थी। जिसे उन्होंने अपने आवेदन के साथ चिपका रखा है। संदिग्ध मौत के सवाल पर वह अपने नाती युवराज की घटना के दौरान ली गई तस्वीर दिखा कर पूछती हैं – क्या कोई इस तरह फांसी लगाता है भला?
गौतम बाई बताती हैं कि जब वे मौके पर पहुंचे तो युवराज का शव जमीन पर पड़ा हुआ था। आसपास खून फैला हुआ था। उसके पैर में चप्पल थी और वह उल्टा गिरा हुआ था। दीवार पर करीब चार फीट की ऊंचाई पर कील में चद्दर की रस्सी बंधी हुई थी। वह सवाल उठाती हैं – कि आखिर कोई ऐसे फांसी लगाकर मरता है?
ढाबा संचालक पर पैसे नहीं देने का आरोप
मृतक के दादा भारत राम साहू ने बताया कि उन्होंने अपने नाती युवराज को बचपन से पाला था। वह घर संभालने वाला इकलौता सहारा था। भिलाई निवासी चंदन बोरकर उसे ढाबे में काम कराने के लिए ले गया था। कुछ दिन बाद युवराज ने बताया कि ढाबा संचालक चंदन उसे काम के पैसे नहीं दे रहा है।
इसके बाद 12 सितंबर 2024 की रात करीब 10:30 बजे चंदन ने फोन कर सूचना दी कि युवराज ने फांसी लगा ली है। जब परिवार मौके पर पहुंचा तो युवराज के गले में रस्सी थी। लेकिन शरीर पर चोट और खून के निशान भी मौजूद थे। जिससे परिजनों को संदेह हुआ कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है।
पीएम रिपोर्ट के आधार पर मामला खत्म किया – दादी
गौतम बाई ने बताया कि घटना के बाद से वह लगातार गुंडरदेही थाने के चक्कर लगा रही हैं। शुरुआत में जांच अधिकारी साहू ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट (पीएम रिपोर्ट) के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा। लेकिन जब रिपोर्ट आई तो उसके बाद निष्पक्ष तरीके से कोई जांच ही नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि हमने 24 सितंबर, 4 अक्टूबर 2024 और इस वर्ष 5 मई 2025 को भी जांच की मांग को लेकर आवेदन दिया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ढाबे के उसी कमरे में पहले भी हो चुकी हैं संदिग्ध मौतें
मृतक की दादी गौतम बाई ने आरोप लगाया कि जिस कमरे में युवराज की मौत हुई, उसी कमरे में पहले भी दो लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ढाबे में यह पहली घटना नहीं है।
इसके बावजूद गुंडरदेही थाना पुलिस ने अब तक न तो इन मामलों में ठोस जांच की और न ही किसी नतीजे पर पहुंची। सभी मामलों को बिना गंभीरता के रफा-दफा कर दिया गया।
न्याय की मांग, निष्पक्ष जांच की अपील
आवेदिका ने SP से निवेदन किया है कि जांच अधिकारी ने विवेचना के दौरान लापरवाही बरती है। इसलिए मामले की पुनः जांच कराई जाए और पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष हो।
साथ ही उन्होंने मांग की है कि युवराज की मौत और पूर्व में उसी कमरे में हुई दोनों संदिग्ध मौतों के मामलों में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए।
पुलिस ने बताया आत्महत्या, संदेह नहीं होने की बात पर कायम जांच अधिकारी
मामले को लेकर भास्कर ने तत्कालीन टीआई वीणा यादव से संपर्क किया। जिनका कहना है कि घटना के कुछ समय बाद उनका तबादला हो गया था। इसलिए आगे की जांच की जानकारी उनके पास नहीं है। वहीं एसडीओपी राजेश बागड़े ने कहा कि जांच में कोई संदेह की बात सामने नहीं आई थी।
इस प्रकरण की जांच कर रहे एएसआई डोमन साहू ने बताया कि रात 12:30 बजे उन्हें सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर कमरे को सील किया गया और अगले दिन परिजनों को बुलाकर पंचनामा किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फांसी से मौत की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि मृतक के माता-पिता उसके साथ नहीं रहते थे और उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। इसलिए नशे की लत लग गई थी। रिपोर्ट के अनुसार उसने लगभग 6 फीट ऊंचे दीवाल पर कील पर रस्सी बांधकर फांसी लगाई थी।
तड़पते समय उसके हाथ में खरोंच आई। जिसे लेकर संदेह जताया जा रहा है। लेकिन पुलिस का कहना है कि यह आत्महत्या का मामला है और इसमें कोई साजिश या हत्या जैसा तत्व नहीं पाया गया।