दादी ने पोती के लिए 3 लाख रुपये में बच्चा खरीदा, 5 महीने बाद पुलिस ने बच्चे को कस्टडी में लिया – 

विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पुलिस ने खरीदे गए एक बच्चे को बचाया है. दरअसल, एक बुजुर्ग महिला ने अपनी नि:संतान पोती के लिए एक महीने की बच्ची को 3 लाख रुपये में खरीदा था और पांच महीने तक उसका पालन-पोषण किया. जब परिवार बच्चे के अन्नप्राशन (चावल खिलाने की रस्म) की तैयारी कर रहा था, उसी समय विजयवाड़ा पुलिस घर पर पहंची और बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया.

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मामला राजामहेंद्रवरम के पास सीतानगरम क्षेत्र का है. इससे स्थानीय लोग हैरान रह गए, खासकर तब जब महिला ने बच्चे को ले जाने का विरोध किया.

बाल तस्करी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई

टास्क फोर्स पुलिस ने विजयवाड़ा में एक बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो उत्तर भारत के राज्यों से बच्चों को चोरी कर यहां ला रहा था. पुलिस की इस कार्रवाई में तीन बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन चार अन्य अभी भी लापता हैं. पुलिस ने गिरोह में शामिल पांच महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है.

जांच के दौरान, पुलिस को सीतानगरम में एक बच्चे के बारे में पता चला. इसके बाद पुलिस रविवार को घर पर पहुंची, जहां उन्होंने बुजुर्ग महिला और उसकी पोती को अन्नप्राशन समारोह की तैयारी करते हुए पाया. दोनों के विरोध के बावजूद पुलिस ने बच्चे को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे को खरीदना गैरकानूनी है, चाहे इरादा कुछ भी हो.

कुछ और बच्चों के लापता होने का संदेह

फिलहाल पुलिस बाल तस्करी गिरोह मामले में विस्तृत जांच कर रही है. आगे की जांच में पता चला कि गिरोह की एक आरोपी महिला ने पिछले साल हैदराबाद स्थित एक गैंग को अपना बच्चा बेचा था. मई 2023 में, तेलंगाना पुलिस ने तस्करी किए गए 20 बच्चों को बचाया था, लेकिन महिला का बेटा उनमें से नहीं था. इससे अधिकारियों को संदेह हुआ कि अभी भी कई और बच्चे लापता हो सकते हैं.

पुलिस को मुख्य आरोपियों की तलाश

पुलिस का मानना है कि जब तक मुख्य मास्टरमाइंड प्रीति किरण और अनिल को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मामला पूरी तरह से उजागर नहीं होगा. बाल तस्करी के मामलों में उनके नाम बार-बार सामने आए हैं, जिससे पता चलता है कि कई राज्यों में एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है.

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