रायपुर 28 मई 2025। छत्तीसगढ़ सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मिशन को नया आयाम देते हुए छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने एक और अभिनव पहल की है। अब राज्य के सोलर संयंत्रों की सफाई रोबोटिक तकनीक से होगी, वह भी बिना पानी और बिना मानवीय हस्तक्षेप के। यह नया “स्वचालित रोबोटिक सोलर मॉड्यूल क्लीनर” सिस्टम तकनीक और पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत मेल है।
तकनीकी नवाचार की मिसाल
क्रेडा द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह सिस्टम ऊर्जा शिक्षा उद्यान रायपुर और ग्राम टेमरी के जल जीवन मिशन अंतर्गत ड्यूल पंप संयंत्र में सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए लगाया गया है। इसका निरीक्षण क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा ने 29 मई 2025 को किया।
क्यों पड़ी जरूरत?
क्रेडा ने अब तक राज्य में लगभग ढाई लाख सोलर संयंत्र स्थापित किए हैं। इनकी कार्यशीलता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, खासकर जब धूल और प्रदूषण के कारण सोलर पैनलों की उत्पादन क्षमता में 20–30% तक गिरावट आ जाती है। यही कारण है कि इस स्मार्ट सफाई समाधान की आवश्यकता महसूस की गई।
मुख्य विशेषताएं
स्वचालित संचालन: समय-समय पर स्वयं पैनलों की सफाई।
बिना पानी के सफाई: जल संरक्षण में सहायक।
सोलर से संचालित: न्यूनतम संचालन लागत।
कम रखरखाव: आसान एवं किफायती मेंटेनेंस।
उच्च उत्पादन क्षमता: ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि।
भविष्य की योजना
इस रोबोटिक सिस्टम को जल्द ही राज्य के अन्य सोलर संयंत्रों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। साथ ही, इसे राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की योजना भी बनाई गई है।
क्रेडा की दिशा और दृष्टि
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और राजेश सिंह राणा के नेतृत्व में क्रेडा ने गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार को केंद्र में रखते हुए कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यह रोबोटिक सोलर क्लीनर न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि हरित ऊर्जा क्रांति की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम है।