स्पेसएक्स के संस्थापक और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार एलन मस्क कीकंपनी का बनाया चैटबॉट ‘Grok AI’ कई दिनों से अपने जवाबों को लेकर सुर्खियों में है. नेता हो या आम इंसान ग्रोक सबके सवालों के जवाब दे रहा है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने AI चैटबॉट ग्रोक द्वारा दी जा रही प्रतिक्रियाओं पर X के साथ चिंता जताई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार Grok पर सरकार को असहज करने वाले सवाल पूछे जा रहे हैं और Grok भी उनके जवाब दे रहा है. उसके जवाब भी असहज करने वाले हैं. इसको लेकरसरकार X के साथ बातचीत कर रही है.
Grok AI एक बड़े भाषा मॉडल (LLM) पर बेस्ड है. ये OpenAI के ChatGPT और Google Gemini की तरह काम करता है. इसका मकसद यूजर्स को उसकी भाषा में जवाब देना है. कठिन से कठिन सवालों के जवाब देने के साथ ही इंटरैक्टिव डॉयलाग की सुविधा देना है. Grok AI को X के साथ जोड़ा गया है. इससे ये ट्रेंडिंग डेटा का विश्लेषण भी कर सकता है.
भारत में Grok AI की चुनौतियां
पिछले कुछ दिनों से Grok AI के जवाब सुर्खियों में बने हुए हैं. यूजर्स इससे जैसे सवाल कर रहे हैं, वैसा ही ये जवाब दे रहा है. यूजर्स के कहने पर ये रोस्टिंग भी कर रह रहा है. बात करें सियासत से जुड़े सवालों की ये तो सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के नेताओं को लेकर इसके कई जवाब असहज करने वाले होते हैं. इसको देखते हुए इसकी राह भारत में काफी कठिन हो सकती है.
सियासी और सेंसरशिप जैसे मुद्दे
देश में डेटा सुरक्षा कानून (DPDP Act 2023) और IT नियमों के चलते AI चैटबॉट्स को मुसीबत भी झेलनी पड़ सकती है. बात करें कम्पटीशन की तो ChatGPT और Google Gemini पहले से भारतीय बाजार में मजबूत पैठ बनाए हुए हैं. ऐसे में Grok AI की राह काफी चुनौतियों भरी हो सकती है.
सियासी और सेंसरशिप जैसे मुद्दों की बात करें तो सरकार सोशल मीडिया और AI टूल्स पर निगरानी रखती है. अगर Grok AI विवादास्पद या गलत जानकारी देता है तो इसे बैन भी झेलनापड़ सकता है.