यूपी के जालौन स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां भर्ती एक मरीज अगर समय रहते ऑपरेशन थियेटर से भाग न जाता तो उसके साथ बड़ा कांड हो जाता. मरीज का कहना है कि वह पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा था. जांच के बाद उसकी आंतों में सूजन बताई गई. दो दिन भर्ती रखने के बाद उसे ऑपरेशन थियेटर यानी ओटी ले गए. लेकिन ये नहीं बताया गया किस चीज का और क्यों ऑपरेशन किया जा रहा है.
ऐसे में मरीज को शंका हुई और वह बहाना बनाकर ओटी से भाग निकला. इसके बाद उसने सीनियर डॉक्टरों से आपबीती बताई. जब जांच-पड़ताल हुई तो पता चला कि जिस शख्स को ओटी में ले जाया गया था, उसका तो ऑपरेशन ही नहीं होना था. अस्पताल कर्मी गलत आदमी को लेकर ओटी चले गए थे. डॉक्टरों ने माना कि स्टाफ से गलती हुई है.
हालांकि, इस घटना ने बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है. यदि मरीज ओटी से नहीं भागता तो पता नहीं उसके साथ क्या हो जाता. फिलहाल, मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है. आंतों में सूजन का इलाज चल रहा है.
जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि माधौगढ़ कोतवाली क्षेत्र के डिकौली गांव के रहने वाले ब्रजेश चौधरी को पेट दर्द की शिकायत थी. वह बीते सोमवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे. डॉक्टर ने ओपीडी में देखने के बाद उन्हें दो दिन तक भर्ती रहने की सलाह दी. इस पर ब्रजेश को मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर-7 में भर्ती कराया गया.
जांचे करवाने के बाद मालूम पड़ा कि ब्रजेश की आंतों में सूजन है. डॉक्टर ने उसे बताया कि दवाओं से दो दिन में आराम मिल जाएगा. बुधवार को उसे छुट्टी दी जाएगी. लेकिन बुधवार की सुबह दो वार्ड बॉय आए और जांच करवाने की बात कहकर उसे ऑपरेशन थिएटर में ले गए. वे ऑपरेशन की तैयारी करने लगे. उसे कपड़े पहना दिए गए और उसके शरीर में कई जगहों पर मार्कर से गोले बना दिए.
जब मरीज ब्रजेश ने पूछा कि क्या हो रहा है, तो वहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि ऑपरेशन करना पड़ेगा. चुपचाप लेटे रहो. ऐसे में ब्रजेश ने कहा कि उसे ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिससे ऑपरेशन करना पड़े, तो वहां मौजूद लोगों ने उसे डांट दिया. इससे ब्रजेश डर गया और वहां से भागने की सोचने लगा.
आखिरी दांव चलते हुए ब्रजेश चौधरी ने वार्ड बॉय से कहा कि मेरे परिवार के लोग बाहर हैं, उनसे अर्जेंट कुछ बात करनी है. किसी तरह वह बहाना बनाकर वहां से बाहर निकल आया. फिर उसने उसका कर इलाज कर रही महिला डॉक्टर से संपर्क कर अपने ऑपरेशन के संबंध में पूछा. ये सुनकर डॉक्टर दंग रह गईं और उन्होंने साफ कहा कि ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं है. इस तरह पूरे मामले का खुलासा हुआ और मरीज की जान में जान में आई.
वहीं, राजकीय मेडिकल के प्रचार्य अरविंद चतुर्वेद के कहा है कि ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. स्टाफ की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है. जांच चल रही है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.