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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला केंद्र के विकसित भारत बिल्डथॉन के ब्रांड एंबेसडर नियुक्त, PM मोदी के नजरिए को करेंगे सशक्त

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला को रविवार (5 अक्टूबर, 2025) को ‘विकसित भारत बिल्डथॉन’ के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैं. यह एक राष्ट्रव्यापी नवाचार आंदोलन है, जो छठी से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के छात्रों को शामिल करने के लिए बनाया गया है.

बिल्डथॉन, अब तक का सबसे बड़ा स्कूल हैकाथॉन है, जो देशभर के 1.5 लाख स्कूलों के एक करोड़ से अधिक छात्रों को चार विषयों के तहत प्रोटोटाइप बनाने और डिजाइन करने के लिए प्रेरित करेगा. यह हैकाथॉन शिक्षा मंत्रालय की ओर से ‘अटल नवाचार मिशन’ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है.

शुभांशु शुक्ला ने स्कूल शिक्षा सचिव से की मुलाकात

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘शुक्ला विकसित भारत बिल्डथॉन-2025 के ब्रांड एंबेसडर हैं. शनिवार (4 अक्टूबर, 2025) को उन्होंने स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार से मुलाकात की. उन्होंने बिल्डथॉन के दृष्टिकोण और पहलों पर चर्चा की, जो छात्रों में वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, ताकि उन्हें विकसित भारत की विकास यात्रा में भविष्य के लिए तैयार यगदानकर्ता बनने के लिए सशक्त किया जा सके.’

एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष के सफर पर गए थे शुंभाशु शुक्ला

भारतीय वायुसेना (IAF) के 39 वर्षीय अधिकारी और परीक्षण पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की. यह इसरो और नासा की ओर से समर्थन प्राप्त एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे एक्सिओम स्पेस की ओर से संचालित किया गया.

23 सितंबर से 6 अक्टूबर तक होगा बिल्डथॉन का रजिस्ट्रेशन

बिल्डथॉन 23 सितंबर को शुरू हुआ और पंजीकरण छह अक्टूबर तक खुले हैं. लाइव बिल्डथॉन 13 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा और विजेताओं की घोषणा दिसंबर में की जाएगी. बिल्डथॉन छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों से विभिन्न टीम में शामिल होने, रचनात्मक रूप से सोचने और वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समाधान करने वाले विचार और प्रोटोटाइप विकसित करने का आह्वान करता है.

राष्ट्रीय महत्व के चार विषयों पर काम करेंगे छात्र

छात्र राष्ट्रीय महत्व के चार विषयों पर काम करेंगे: आत्मनिर्भर भारत- आत्मनिर्भर प्रणालियों और समाधानों का निर्माण; स्वदेशी- स्वदेशी विचारों और नवाचार को बढ़ावा देना; वोकल फॉर लोकल- स्थानीय उत्पादों, शिल्प और संसाधनों को बढ़ावा देना और समृद्धि- समृद्धि और सतत विकास के मार्ग बनाना.

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