जीएसटी रिफॉर्म्स कल (22 सितंबर) से लागू होने वाले हैं, जिसके तहत रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी होगी. इसका बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. यह सुधार बिहार के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार, छठ पूजा, और दिवाली के ठीक पहले आया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘खुशियों का डबल धमाका’ करार दिया है.
नए जीएसटी दरों से मां दुर्गा की मूर्तियों और छठ पूजा के लिए अन्य सामग्री, जैसे सूप, दउरा, और पूजन सामग्री सस्ती होने की पूरी संभावना है. इससे श्रद्धालुओं को अपनी धार्मिक तैयारियों में आसानी होगी. छठ पूजा और दिवाली के दौरान कई वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती से लोग अधिक खरीदारी कर सकेंगे, जिससे त्योहारी मौसम में बाजारों में रौनक बढ़ेगी.
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
जमर्रा और दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी से बिहार में आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो चुनावी माहौल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मतदाताओं, खासकर ग्रामीण और मध्यम वर्ग के बीच सकारात्मक संदेश दे सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जीएसटी रिफॉर्म्स को लेकर देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘जीएसटी 2.0 न केवल आम लोगों की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि यह छठ और दिवाली जैसे पवित्र त्योहारों को और खास बनाएगा. यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम है.’ बिहार में छठ पूजा का विशेष महत्व है, और पूजा सामग्री की कीमतों में कमी से लाखों श्रद्धालुओं को लाभ होगा. स्थानीय व्यापारियों ने भी इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे त्योहारी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है. भी पढ़ें: ‘त्योहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होग
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस सुधार को लागू करना भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. पार्टी को उम्मीद है कि यह कदम बिहार के मतदाताओं को लुभाने में मदद करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां छठ पूजा का व्यापक प्रभाव है. जीएसटी 2.0 के तहत कई रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर की दरें कम की गई हैं, जिससे बिहार के लोगों में उत्साह का माहौल है. अब सभी की नजर इस बात पर है कि यह सुधार चुनावी नतीजों को किस हद तक प्रभावित करेगा.