GST डिप्टी कमिश्नर को बुआ-भतीजे ने तवे से पीटा, कानपुर से आए थे लखनऊ… ये थी रंजिश की वजह

लखनऊ (Lucknow) के विभूति खंड स्थित राज्य कर मुख्यालय (State Tax Headquarters) में सोमवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब कानपुर से आए बुआ-भतीजे ने GST डिप्टी कमिश्नर प्रमोद कुमार पर तवे से हमला कर दिया. अचानक हुए इस हमले में प्रमोद कुमार के हाथ और पैर में चोटें आईं और खून बहने लगा. चीख-पुकार सुनकर दौड़े कर्मचारियों ने बीचबचाव कर किसी तरह डिप्टी कमिश्नर को बचाया और दोनों हमलावरों को दबोच लिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई, जिसने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया.

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विभूति खंड निवासी प्रमोद कुमार वर्तमान में लखनऊ में राज्य कर मुख्यालय में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 1 बजे कानपुर के बर्रा निवासी रानी निगम और उनका भतीजा इंद्रजीत निगम उनकी केबिन में घुस आए. आते ही दोनों ने गाली-गलौज शुरू कर दी. जब प्रमोद ने इसका कारण पूछा तो इंद्रजीत ने तवे से उन पर हमला कर दिया. बचाव में प्रमोद ने हाथ आगे किए, जिससे उनके हाथ और पैर में चोटें आईं और खून बहने लगा.

शोर सुनकर ऑफिस में मौजूद अन्य कर्मचारी दौड़कर मौके पर पहुंचे. कर्मचारियों ने देखा कि बुआ-भतीजा जोड़ी गाली-गलौज के साथ डिप्टी कमिश्नर पर हमला कर रही थी. कर्मचारियों ने तुरंत बीच बचाव किया. हमलावर धमकी देते हुए भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें दौड़कर पकड़ लिया.

 

पुरानी रंजिश बनी हमले की वजह

 

विभूति खंड थाने के इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि प्रमोद कुमार पहले कानपुर में तैनात थे और कुछ साल पहले उनका तबादला लखनऊ हुआ था. उस दौरान इंद्रजीत निगम उनके कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था. साल 2021 में इंद्रजीत ने अपने एक रिश्तेदार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. उसे शक था कि प्रमोद कुमार ने उस केस में उसके खिलाफ पैरवी की थी, जिसके चलते वह रंजिश रखता था. इसी रंजिश के कारण रानी निगम और इंद्रजीत ने मिलकर इस हमले को अंजाम दिया.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

पुलिस ने दोनों आरोपियों, रानी निगम और इंद्रजीत निगम, को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है.

डिप्टी कमिश्नर का बयान

डिप्टी कमिश्नर प्रमोद कुमार ने इस घटना पर कहा- मेरी दोनों आरोपियों से कोई व्यक्तिगत पहचान नहीं है. मैं उन्हें नहीं जानता. वो केबिन में घुसते ही मुझ पर हमला करने लगे. उन्होंने कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, जिनके हस्तक्षेप से उनकी जान बच सकी.

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