हमेशा विवादों में रहने वाली सूरत की वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (VNSGU) एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार यह यूनिवर्सिटी मास्टर ऑफ आर्ट्स इकोनॉमिक्स (एम.ए.अर्थशास्त्र) एक्सटर्नल एग्जाम के निराशाजनक परिणामों को लेकर विवादों में आ गई है. एम.ए अर्थशास्त्र एक्सटर्नल परीक्षा देने वाले 141 छात्र का जब रिजल्ट आया तो सभी हैरान रह गए, क्योंकि 141 छात्रों में से सिर्फ एक छात्र ही पास हुआ.
यूनिवर्सिटी एग्जाम में 141 में से 140 छात्रों को फेल घोषित करने से कई सवाल खड़े होते हैं. इतने कम छात्रों के पास होने का क्या कारण है? क्या प्रश्नपत्र अत्यधिक कठिन थे? क्या मूल्यांकन प्रक्रिया में कोई गलती हुई है? क्या कोई अनियमितता हुई है? विश्वविद्यालय को इन सभी सवालों का जवाब देना होगा और छात्रों को संतोषजनक जवाब देना होगा. यह भी ज़रूरी है कि विश्वविद्यालय अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधार लाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.
दरअसल, इस परीक्षा में कुल 192 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 51 छात्र अनुपस्थित रहे. 141 उपस्थित छात्रों में से केवल एक ही छात्र को पास घोषित किया गया है. जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा पास प्रतिशत मात्र 0.71% रही है यानी 99.29 प्रतिशत छात्रों को फेल घोषित किया गया है. यह परिणाम छात्रों के लिए निराशाजनक होने के साथ-साथ विवादों का विषय भी बन गया है. कई छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की है और उचित जांच की मांग की है.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, रमेश गढ़वी ने बताया कि कुछ छात्रों ने परीक्षा परिणाम को लेकर शिकायत की है. अन्य छात्रों को एक साथ आकर शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय इस मामले की जांच कर रहा है कि इतने कम छात्र क्यों पास हुए हैं.
यह घटना विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है. 0.71% पास प्रतिशत काफी कम है और इससे लग रहा है कि परीक्षा परिणाम में कुछ गड़बड़ी हो सकती है. छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेना और इस मामले की निष्पक्ष जांच करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य है. यह भी जरूरी है कि विश्वविद्यालय भविष्य में इस तरह की घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए.
बता दें, दिसंबर 2023 में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में B.A.-B.Com के छात्रों की परीक्षा के पेपर के चलते सुर्खियों में आई थी. तब छात्रों ने यूनिवर्सिटी की परीक्षा के पेपर में लव स्टोरी, कामसूत्र की कहानी और प्रिंसिपल, प्रोफेसर और मैडम के नाम के साथ गालियां लिख दी थीं. यूनिवर्सिटी एग्जाम में पूछे गए सवाल के जवाब में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले छ छात्रों की पहचान करके उन्हें फेल करने के साथ-साथ 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया था. 6 छात्रों में से एक छात्र ने नॉर्थ के कामसूत्र की कहानी लिखी थी तो दूसरे छात्र ने साथी छात्र-छात्रा की प्रेम कहानी लिख दी थी. विश्वविद्यालय ने 6 छात्रों के लिए सुनवाई रखी थी जिसमें छात्रों ने अपनी गलती मानते हुए लिखित रूप में विश्वविद्यालय से माफी भी मांगी थी.