राजकोट में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस के प्रखर कथा वाचक मोरारी बापू की रामकथा का भव्य आयोजन हुआ. यह आयोजन बुजुर्गों की सेवा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित किया गया था. खास बात ये कि इस दौरान रिकॉर्ड 60 करोड़ रुपए से अधिक के दान प्राप्त हुए हैं. दान की यह राशि सद्भावना ट्रस्ट द्वारा बनाए जाने वाले वृद्धाश्रम और अन्य धर्मार्थ कार्यों के लिए दी जाएगी.
राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में आयोजित रामकथा के पहले ही दिन मोरारी बापू ने लोगों से बुजुर्गों और प्रकृति के प्रति अपना स्नेह और समर्थन व्यक्त करने की अपील की. उनके आह्वान पर श्रोताओं ने अभूतपूर्व दान दिया है. इतने बडे़ दान से रामकथा के करुणा और मानवता के मूल संदेश को भी बल मिला है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सद्भावना वृद्धाश्रम के लिए महादान
जामनगर रोड पर पडधरी में 300 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सद्भावना वृद्धाश्रम के लिए दान प्राप्त करना ही इस कथा का खास मकसद था. निराश्रित, दिव्यांग और असहाय बुजुर्गों को अपना घर मिले, इस लक्ष्य के साथ डिज़ाइन किए गए इस वृद्धाश्रम में कुल 1,400 कमरे होंगे. जहां बुजुर्गों की पूरे सम्मान के साथ देखभाल की जाएगी.
इस प्रोजेक्ट का दूसरा बड़ा मकसद बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण भी है, जो आध्यात्मिक मूल्यों के साथ पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को जोड़ता है.
यह रामकथा भगवान राम और रामायण की शिक्षा से समाज को उन्नत करने की मोरारी बापू की 6 दशक की यात्रा में 947वीं कथा थी. सत्य, प्रेम और करुणा के उनके शाश्वत संदेश से दुनिया भर में करोड़ों श्रद्धालु उत्साह से जुड़ते हैं. राजकोट के इस आयोजन ने आध्यात्मिकता की समाज में क्रांति लाने की शक्ति को और अधिक प्रसारित किया है.
रोजाना 80,000 से अधिक भक्तों को लाभ
23 नवंबर को भव्य पोथी यात्रा के साथ आरंभ हुई, इस पुण्यकथा का लाभ रोजाना करीब 80,000 से अधिक भक्त, गणमान्य लोगों और स्वयंसेवकों ने लिया है. साथ ही रोजाना बड़ी संख्या मे श्रोताओं और भक्तजनों ने भावपूर्वक भोजन प्रसाद का ग्रहण भी किया. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए दर्जनों सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने रात-दिन एक करके काम किया है.
1 दिसंबर को पूर्ण हुई रामकथा ने हजारों लोगों में दिव्य आध्यात्मिक अनुभूति के साथ आस्था की सार्थक सामाजिक परिवर्तन की ओर ले जाने वाली क्षमता को भी प्रकाशित किया है. एकत्रित धनराशि सैकड़ों निराधार वृद्धों के लिए आशा की किरण लाने के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगी.